सुमेधा शर्मा/ट्रिन्यू
गुरुग्राम, 18 जुलाई
गृह मंत्री अमित शाह की मंगलवार को महेंद्रगढ़ में आयोजित भाजपा की ओबीसी सम्मान रैली में बेशक सांसद राव इंद्रजीत का अहीरवाल में वर्चस्व एक बार फिर देखने को मिला, लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी के समर्थकों के हाथ रैली में निराशा ही लगी। तोशाम से विधायक किरण चौधरी को रैली में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, जबकि रैली को उनकी नयी पारी के लिए लॉन्च पैड के रूप में देखा जा रहा था। रैली से पहले सोशल मीडिया पर किरण को महेंद्रगढ़ में अहीरवाल से भाजपा की अगली बड़ी नेता के रूप में पेश करने की चर्चाएं थीं। लेकिन उनके समर्थकों को हैरानी हुई कि शाह ने अपने भाषण में उनकी मौजूदगी तक का जिक्र नहीं किया, जबकि उन्होंने राव इंद्रजीत को अहीरवाल का चेहरा बताया। यहां तक कि सांसद धर्मबीर सिंह की सराहना की।
किरण चौधरी ने बार-बार किए गए फोन कॉल्स और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन उनके एक करीबी समर्थक ने कहा, ‘बेशक हम रैली में उनके बड़े स्वागत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन राव इंद्रजीत ने रैली से ठीक पहले दबाव की रणनीति से सब कुछ बदल दिया। वह भिवानी महेंद्रगढ़ की सबसे बड़ी नेता हैं और उनकी अनदेखी करने से कांग्रेस को यह सीट गंवानी पड़ी। उनके एक करीबी सहयोगी ने कहा कि लोग उन्हें पहचानते हैं और इस रैली में अधिकांश भीड़ उनका समर्थन करने के लिए आई थी। हमें यकीन है कि भाजपा इस बात को महत्व देती है।
इस मामले में हरियाण कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने ‘ट्रिब्यून’ से कहा, ‘हमें पता था कि ऐसा ही होगा। भाजपा ऐसी ही है। 10 साल में जब राव इंद्रजीत को इतना महत्व नहीं मिला, तो वह क्या उम्मीद कर सकती हैं? भाजपा कांग्रेस की तरह लोकतांत्रिक नहीं है और हम उनके मामले में यह देख सकते हैं।’
कांग्रेस नेता बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा इस्तेमाल करके फेंकने की नीति अपनाती है और किरण के साथ भी यही करेगी। गौरतलब है कि राव इंद्रजीत को दिया जाने वाला महत्व कई लोगों के लिए आंखों में खटक सकता है, क्योंकि एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को अपने बगल में राव इंद्रजीत के लिए जगह बनाने के लिए कह रहे थे।