हिसार, 18 जुलाई (हप्र)
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं सेवानिवृत्त आईएएस चंद्र प्रकाश ने कहा की क्रीमीलेयर की आय को बढ़ाने की अधिसूचना जारी करके भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग की हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है जबकि असलियत यह है कि भाजपा सरकार में पिछड़ा वर्ग समाज के हितों के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ हुआ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी पिछली गलतियों पर पर्दा डालकर अंगुली कटाकर शहीदों में नाम दर्ज करवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार ने वर्ष 2016 और 2021 में मनमानी और अन्यायपूर्ण अधिसूचनाओं के द्वारा राज्य के पिछड़ा वर्ग समाज के छात्रों और नौकरी के पात्र उम्मीदवारों का जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी भरपाई कौन करेगा।
चंद्र प्रकाश ने आंकड़ों व तथ्यों के साथ बताया कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो 8 सितंबर, 1993 को ओबीसी क्रीमीलेयर को परिभाषित करते हुए इसमें वेतन और कृषि आय को क्रीमीलेयर आय सीमा से बाहर किया और 27 मई, 2013 को क्रीमीलेयर आय सीमा बढ़ाकर छह लाख रुपये वार्षिक कर दी। यही सब प्रदेश में लागू रहा लेकिन भाजपा सरकार ने 17 अगस्त, 2016 को असंवैधानिक अधिसूचना जारी कर क्रीमीलेयर को एक से तीन लाख व तीन से छह लाख के दो भागों में विभाजित कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त, 2021 को इसको रद्द कर दिया। भाजपा सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई अधिसूचना जारी कर क्रीमीलेयर आय को दोबारा परिभाषित करते हुए इसमें वेतन व कृषि आय को भी शामिल कर दिया।