नयी दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 361 के उन प्रावधानों की समीक्षा करने पर शुक्रवार को सहमत हो गया, जो राज्यपालों को किसी भी तरह के आपराधिक मुकदमे से ‘पूर्ण छूट’ प्रदान करते हैं। शीर्ष अदालत ने यह आदेश पश्चिम बंगाल राजभवन में संविदा पर कार्यरत उस महिला कर्मचारी की याचिका पर दिया है, जिसने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ करने और अधिकारियों द्वारा उसे गलत तरीके से बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने इस मामले से निपटने में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से सहायता करने को कहा। महिला का नाम न्यायिक रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। महिला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा, ‘राज्यपाल के पद छोड़ने तक इसे अनिश्चित काल के लिए टाला नहीं जा सकता।’ याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 361 के खंड दो के तहत राज्यपालों को दी गई छूट जांच पर रोक नहीं लगा सकती।