कैथल, 19 जुलाई (हप्र)
जहरीले कीटनाशकों और दवाइयों से अस्पतालों में बढ़ती लंबी लाइन और नयी बीमारियों व कीटनाशकों से बंजर हो चुकी भूमि को प्राकृतिक कृषि के माध्यम से समाधान देने वाले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती का डंका देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बजा दिया है। नेपाल और श्रीलंका के बाद अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के युवा भी प्राकृतिक कृषि मॉडल अपना रहे हैं। इन दिनों अमेरिका में रहने वाले कैथल फरल गांव के निवासी किसान प्रदीप राणा ने बताया कि आर्य प्रतिनिधि सभा के मीडिया डायरेक्टर प्रदीप दलाल और आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतरंग सदस्य राममेहर आर्य ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सुझाव दिया कि अमेरिका के किसानों को भी इस मॉडल की जानकारी दी जाए। प्रदीप राणा ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक कृषि मॉडल के बारे में अमेरिका के किसानों को विस्तार से बताया तो वे किसान बड़े प्रभावित हुए और उन्होंने प्राकृतिक कृषि मॉडल को लागू करने की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि विदेश में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद जागरूक हैं और वह कीटनाशकों और जहरीले दवाइयों का प्रयोग बेहद कम मात्रा में करते हैं लेकिन अब जब उन्हें प्राकृतिक कृषि मॉडल के बारे में पता लगा तो वह इस प्राकृतिक कृषि मॉडल को अपनाने के लिए आतुर दिखे। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी उन्हें समय मिलेगा तब वें इन किसानों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 180 एकड़ प्राकृतिक कृषि फार्म पर भी घुमाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका में समय-समय पर भारतीय समुदाय विभिन्न तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता रहता है और वह उन कार्यक्रमों में भी लोगों को प्राकृतिक कृषि अपने के लिए जागरूक करेंगे और राज्यपाल आचार्य देवव्रत की वीडियो दिखाकर उन्हें प्रेरित करेंगे ताकि हमारे देश के साथ-साथ पूरा विश्व प्राकृतिक कृषि के लाभ जान सके और जागरूक हो सके।
गौरतलब है कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पूरे देश में प्राकृतिक कृषि के माध्यम से जो जागरूकता की अलख जगाई है, उसे लोग देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्राकृतिक कृषि मॉडल को अपना रहे हैं। गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार प्राकृतिक कृषि मॉडल के माध्यम से पूरे देश में जागरूकता के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत की सराहना करते रहे हैं।