ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 19 जुलाई
कैथल जिला परिषद चेयरमैन के अविश्वास प्रस्ताव के लिए शुक्रवार सायं को मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाई गई। इस प्रक्रिया के तहत 20 में से 17 जिला पार्षद मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने पहुंचे। जबकि चेयरमैन सहित तीन पार्षदों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। मतदान प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए स्वयं डीसी प्रशांत पंवार पहुंचे। इस दौरान उनके साथ एडीसी एवं जिला परिषद सीईओ सी जया श्रद्धा, डिप्टी सीईओ ऋतु लाठर, डीडीपीओ कंवर दमन आदि अधिकारी मौजूद थे। मतदान की प्रक्रिया के समय जिला परिषद भवन परिसर पुलिस बल को भी तैनात किया गया था। मतदान प्रक्रिया के तहत मतदान तो हुआ, लेकिन पंजाब एवं हाईकोर्ट के आदेशों के चलते जिला प्रशासन ने परिणाम जारी नहीं किया। इस पूरी प्रक्रिया में 17 जिला पार्षदों में हिस्सा लेने के चलते एक तरफा मतदान होने का अनुमान है।
हालांकि चुनाव के लिए मतदान से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के पास 14 और अध्यक्ष के पास छह पार्षद हैं। पार्षद विक्रमजीत सिंह की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी होने के चलते उसके निलंबन के चलते वह इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकता था। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने जिप अध्यक्ष दीपक मलिक को राहत देते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाले मतदान के बाद इसका परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसकी जानकारी स्वयं अध्यक्ष दीपक मलिक उर्फ दीप जाखौली ने दी थी। अब जिला प्रशासन हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए हुए मतदान का परिणाम जारी करेगा। चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद जिला प्रशासन मतपेटी अपने साथ ले गया।
वार्ड नंबर दो से जिला परिषद अध्यक्ष दीपक मलिक उर्फ दीप जाखौली, वार्ड नंबर 17 से आप समर्थित राकेश खानपुर, वार्ड नंबर 12 से नेहा तंवर ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
जिला परिषद अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लिए 19 जुलाई को मतदान की तिथि निर्धारित की गई थी। 18 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने परिणाम जारी न करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेशों के तहत ही यह प्रक्रिया संपन्न करवाई है।