गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 19 जुलाई
उपमंडल के गांव नन्हेड़ा स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला के प्राथमिक शिक्षक महिन्द्र खेड़ा को निलंबित किए जाने के बाद गांव के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान है। ग्रामीणों ने शुक्रवार को बैठक करने के बाद प्राथमिक पाठशाला के गेट पर ताला जड़ दिया और नारेबाजी कर निलंबन के प्रति रोष जताया। स्कूल के बच्चे अपने अभिभावकों और ग्रामीणों के साथ कक्षाएं छोड़कर गेट पर आ गए। शिक्षक के निलंबन से बच्चों में भी गुस्सा था।
आंखों में आंसू लिए बच्चों ने शिक्षक को स्कूल भेजने की मांग उठाई। ग्रामीणों की मांग है कि अध्यापक का तुरंत प्रभाव से निलंबन वापिस लिया जाए। लोगों की बात सुनने के लिए बीईओ डॉ. गुरनाम सिंह मंढ़ाण ने करनाल में एक बैठक में व्यस्त होने के कारण गढ़ी जाटान के प्रधानाचार्य को स्कूल भेजा। लेकिन ग्रामीणों ने बात करने से साफ इनकार कर दिया। ढ़ाई घंटे के बाद करनाल से बीईओ गुरनाम मंढ़ाण स्कूल पहुंचे और लोगों को शिक्षक से संबंधित जांच जल्द करने का आश्वासन दिया। बीते सोमवार को नन्हेड़ा की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत शिक्षक महिन्द्र खेड़ा को उसी दिन करनाल में कार्यभार करने वाले राजकीय मौलिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निलंबित कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को स्कूल में निलंबन के आदेश पहुंचे और शिक्षक आदेशों की अनुपालना करते हुए बीईओ कार्यालय पहुंच गया।
क्या कहते हैं बीईओ
बीईओ डॉ. गुरनाम सिंह मंढ़ाण का कहना है कि प्राथमिक शिक्षक महिन्द्र खेड़ा के निलंबन से संबंधित मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसका निर्णय उच्चाधिकारियों को करना है। बीईओ लोगों के सामने डीईईओ से स्पीकर पर बात की और लोगों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने अपील की कि निष्पक्ष जांच के लिए विभाग को एक सप्ताह का समय दें। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य उपाध्यक्ष जगतार सिंह और राज्य कमेटी सदस्य अनिल सैनी ने कुरुक्षेत्र के अधिकारी की करनाल के डीईईओ पद पर ज्वाइनिंग और उसी दिन शिक्षक को निलंबित करने पर सवाल उठाये। उन्होंने आरोप लगाया कि इस अतिरिक्त चार्ज के बदले हज़ारों रूपयों के टीए बिल का सरकार को चूना लगाया जाएगा।
‘बिना वजह मेहनती शिक्षक को किया निलंबित’
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि बलिन्द्र कांबोज, नंबरदार सतबीर, राजीव चौधरी, पिंटू नन्हेड़ा समेत ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक महिन्द्र कुमार का कार्य सभी के लिए मिसाल है। उनके प्रयासों से गांव का उजाड़ स्कूल आज प्रदेश के सबसे सुंदर स्कूलों में से एक माना जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि कईं बार जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक को सम्मानित किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा अध्यापक को बिना वजह, साजिश के तहत उनको सस्पेंड किया गया है।