नारनौंद, 19 जुलाई (निस)
पिछले काफी दिनों से नहरों में पानी नहीं है और नारनौंद क्षेत्र में बारिश भी नहीं हुई है, जिसके कारण किसानों के खेतों में धान की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसानों को काफी नुकसान हो चुका है। किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।
किसान बिल्लू खांडा, शिबू पंडित, अमरजीत, जयवीर मान, कृष्ण, शमशेर लोहान आदि ने बताया कि किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल की रोपाई की हुई है जिसमें उनके हजारों रुपए खर्च हो चुके हैं। काफी किसानों ने ठेके पर जमीन ली हुई है। अबकी बार बारिश भी नहीं हुई और नहरों में पानी भी नहीं आ रहा। जिसके कारण उनकी धान की फसल बिना पानी के सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसान पहले ही कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है और अब ऊपर से धान की फसल की रोपाई पर प्रति एकड़ हजारों रुपए खर्च हो चुके हैं। अगर सरकार ने किसानों की मदद नहीं की तो किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे। सरकार से मांग है कि 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा राशि देने की तुरंत प्रभाव से घोषणा करे। अन्यथा किसान और कर्ज के बोझ के नीचे दब जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
किसान नेता सुरेश कोथ ने बताया कि सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। सरकार तुरंत प्रभाव से नहरों में पानी छोड़ने का काम करे और किसानों को उचित मुआवजा राशि देने की घोषणा करें।