रतिया, 20 जुलाई (निस)
शनिवार सुबह शहर की अग्रवाल धर्मशाला व सती मंदिर के समीप पिछले करीब 8 दशकों से नगर पालिका की जमीन पर आशियाना बना कर बैठे दर्जनों परिवारों से जमीन खाली करवाने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर संबंधित परिवार के लोगों ने उस समय पथराव शुरू कर दिया, जब अधिकारियों ने जेसीबी मशीन चलाने के आदेश दे दिए।
उल्लेखनीय है कि सती मंदिर के सामने अग्रवाल धर्मशाला के पीछे नगरपालिका की करीब 3 कनाल 3 मरले जमीन पर पिछले काफी अरसे से ही एक चौकीदार की चौथी पीढ़ी के परिवार के लोग रहते हैं।
बताया जाता है कि नगर पालिका ने पिछले दिनों प्रस्ताव डालकर संबंधित जमीन को शहर की एक संस्था को धर्मशाला के निर्माण के लिए अलाट किया था। शनिवार सुबह जिला उपयुक्त के आदेश पर प्रशासनिक अमला ड्यूटी मैजिस्ट्रेट एवं नायब तहसीलदार अशोक कुमार, नगर पालिका सचिव संदीप भुक्कल, कनिष्ठ अभियंता हवा सिंह, एमई सुनील लांबा, शहर थाना प्रभारी जय सिंह, सदर थाना प्रभारी ओम प्रकाश, महिला पुलिस अधिकारी प्रियंका सहित सैकड़ो नगर पालिका कर्मचारी भारी पुलिस दल के साथ जेसीबी मशीनेें लेकर कब्जा हटाने के लिए बस्ती में पहुंच गए।
हालांकि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने बस्ती के लोगों को स्वयं बस्ती खाली करने का आह्वान किया था, लेकिन अधिकारियों की मौजूदगी में ही इन्कलाबी नौजवान सभा के अध्यक्ष एवं पार्षद गुरप्रीत गोपी के अलावा अन्य प्रतिनिधियों ने परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में ही प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। अधिकारियों से गरीबों को न उजाड़ने का आह्वान किया, लेकिन अधिकारियों ने जेसीबी मशीन चलाने के आदेश दे दिए। जैसे ही उपरोक्त जेसीबी मशीन बस्ती के कच्चे मकानों की तरफ बढ़ने लगी तो परिवार के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, इसके पश्चात पुलिस ने परिवार के लोगों को हिरासत में लेकर बस में बैठा लिया।
इसके बाद परिवार के लोगों में और अधिक गुस्सा फैल गया और उन्होंने पुलिस की बस पर पथराव शुरू कर बस के शीशे आदि तोड़ दिए। पथराव शुरू होने के पश्चात पूरी मार्केट में ही भगदड़ मच गई और दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर ली।
डीएसपी ने संभाली कमान
पथराव एवं बस के शीशे टूटने के पश्चात क्षेत्र में फैले तनाव को देखते हुए डीएसपी संजय बिश्नोई भारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने कमान संभालते हुए परिवार के लोगों को शांत किया। हालांकि इस दौरान भी महिलाओं व बच्चों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष काफी विरोध भी किया। डीएसपी ने सहज भाव से ही सभी को समझाते हुए उनके घरों में पड़े घरेलू सामान को सुरक्षित बाहर निकलवा दिया और जेसीबी मशीनों के सहयोग से पूरा कब्जा हटवा दिया। बस्ती के लोगों विशेषकर महिलाओं ने अधिकारियों व नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए और कहा कि वह गरीब लोग हैं, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं होती है। इन लोगों का कहना था कि शहर में नगर पालिका की जमीन पर बड़े-बड़े रसूखदार लोगों ने कब्जे किए हुए हैं, लेकिन उन्हें कोई नहीं छेड़ता है।