चंडीगढ़, 20 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट स्थापित किए जाएंगे,जिन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। यह परियोजना अपनी तरह की पहली हरित परियोजना होगी जिसे हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में स्थापित किया जाएगा। शनिवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सैनी और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा की उपस्थिति में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएनएल) तथा नगर निगम, गुरुग्राम और फरीदाबाद के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
नगर निगम फरीदाबाद की आयुक्त ए.मोना श्रीनिवास तथा नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त नरहरि सिंह बांगड़ और एनवीवीएनएल की ओर से सीईओ रेनू नारंग ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का दिन हरियाणा के लिए बड़ा महत्वपूर्ण दिन है, जब ग्रीन चारकोल बनाने के लिए प्लांट हेतु एमओयू हुआ है। समझौते के अनुसार, एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट टू चारकोल प्लांट स्थापित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम के बंधवाड़ी में तथा फरीदाबाद के मोठूका में लगभग 500 -500 करोड़ रुपए की लागत से हरित कोयला प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन दोनों प्लांटों में गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में एकत्रित 1500- 1500 टन प्रति दिन (टीपीडी) कचरे को चारकोल में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों प्लांटों के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों द्वारा 20-20 एकड़ जमीन दी जाएगी और एनटीपीसी द्वारा जल्द ही जमीनों का कब्ज़ा लेकर प्लांट स्थापित करने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा, जिनके लगभग 30 माह में पूरा होने की संभावना है। ये दोनों प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होंगे।
सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि इससे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर कचरा मुक्त बनेंगे। भविष्य में शहरों में कचरे के ढेर से भी मुक्ति मिलेगी। गुरुग्राम व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल कचरे की समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इससे पहले, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बढ़ते शहरीकरण के दौर में लगातार कचरे का सृजन भी बढ़ता जा रहा है, जिससे शहरों में कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती बन रही है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने परियोजना को लेकर बताया कि बढ़ते शहरीकरण के दौर में लगातार कचरे का सृजन भी बढ़ता जा रहा है। इससे शहरों में कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती बन रही है। इसी समस्या के समाधान हेतु मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हमने इस दिशा में एनवीवीएन के साथ पहल की है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, हरियाणा पॉवर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाइन सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
अभी वाराणसी में चल रहा वेस्ट टू चारकोल प्लांट
एनवीवीएनएल की सीईओ रेनू नारंग ने वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में वाराणसी में एनटीपीसी द्वारा 600 टन प्रतिदिन कचरे से वेस्ट-टू-चारकोल बनाने का प्लांट संचालित किया जा रहा है। हरियाणा में स्थापित होने वाले ये दोनों प्लांट भारत में सबसे बड़े होंगे, जहां प्रतिदिन 1500-1500 टन कचरे से चारकोल बनाया जाएगा। इनकी सफलता के बाद अन्य शहरों में भी इस तकनीक को स्थापित करने का विचार है।