रोहतक, 20 जुलाई (हप्र)
वन कर्मचारी संघ हरियाणा के पूर्व प्रधान जीवन सिंह ने सरकार से मांग की कि अधिकारियों द्वारा जानबूझ कर की जा रही गणना कार्य की अनदेखी व संविदाकारों का गलत पंजीकरण नियमों के उल्लंघन को देखते हुए टेंडर प्रणाली रद्द की जाए और कर्मचारियों व विभाग को बचाया जाए। जीवन सिंह ने बताया कि वन विभाग में सभी वानिकी कार्य पहले पीस रेट कान्ट्रेक्ट व अब टेंडर प्रणाली से करवाए जा रहे हैं। पौधारोपण हो चाहे लूज स्टोन वाल, चैक डैम, डैम, भवन निर्माण, नर्सरी व वृक्षों की गणना का कार्य। विभागाध्यक्ष द्वारा टेंडर प्रणाली की टर्म एवं कन्डीशन बारे आदेश जारी किया हुआ है। विभाग में 5 वर्ष कार्य का अनुभव रखने वाले संविदाकार पंजीकृत किए जाते हैं। जीवन सिंह ने बताया कि विभाग का अधिकतर कार्य अर्ध तकनीकी व तकनीकी प्रकृति का होता है। परंतु अधिकतर संविदाकार वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में कुछ समय कार्य करने वाले, ग्राम वन समिति, ठेकेदारों के अधीन कार्य करने व अपंजीकृत नर्सरियां से बोगस अनुभव प्रमाणपत्र हासिल कर संविदाकार के रूप में पंजीकृत है। नर्सरी व पौधारोपण का कार्य वर्षों तक निरंतरता में कार्य करने में निपुण मजदूर करते थे। संविदाकार शहरों के नजदीक लेबर चौक से व ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरे प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों को सस्ती मजदूरी दर पर कार्य पर लगाते हैं। कार्य ज्ञान के अभाव में जहां पौधारोपण असफल होता है वहीं संविदाकार उनके ई.पी.एफ., ईएसआई का शेयर अपने नजदीकियों के खाते खुलवाकर हड़पने में सफल हो रहे हैं। चरखी दादरी वन मंडल में 42 आरोपी कर्मचारी हैं, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, भिवानी, जींद वन मंडलों से टेंडर प्रणाली से करवाई गई गणना के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देय लाभ नहीं मिले हैं।