जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 20 जुलाई
शहर में विकास को नयी गति देने और शहर को सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद ने दिव्य नगर योजना का विस्तृत मसौदा सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा है। यदि दिव्य नगर योजना धरातल पर उतरी तो शहर का कायाकल्प हो जाएगा। योजना पर 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे शहर में न केवल शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनेंगे, बल्कि नगर परिषद की आय के साधन भी बढ़ेंगे। दिव्य नगर योजना के तहत दीवान बाल कृष्ण रंगशाला के साथ लगती जमीन पर ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। पूरी परियोजना के लिए फिजिबिलिटी चैक की जा रही है। इस योजना के तहत कई बड़ी सुविधाएं लोगों को मुहैया करवाई जाएंगी। योजना के तहत रानी तालाब के पास ऐतिहासिक गुरुद्वारा तेग बहादुर सिंह के साथ खाली पड़ी नगर परिषद की जमीन पर पार्किंग स्थल विकसित होगा। यहां पर संडे बाजार के लिए भी जगह उपलब्ध करवाई जाएगी।
यह जगह काफी समय से खाली पड़ी है, और यहां पर लोग कूड़ा डाल देते हैं। इस जमीन पर सात फुट तक मिट्टी का भरत करवाया जाएगा। इसके अलावा नगर परिषद प्रशासन पुराने कचहरी रोड पर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी के कई साल से खाली पड़े आवास की जगह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी करवाएगा। यह आवास 15 साल से खाली पड़ा खंडहर हो रहा है। शॉपिंग कॉप्लेक्स बनने से नगर परिषद को आमदनी भी होगी।
दीवान बाल कृष्ण रंगशाला के पास बनेगा ऑडिटोरियम दिव्य नगर योजना के तहत शहर में एक ऑडिटोरियम का निर्माण भी करवाया जाएगा। इस समय कोई भी सार्वजनिक ऑडिटोरियम शहर में नहीं है। दीवान बाल कृष्ण रंगशाला के पास खाली जमीन में इस ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया जाएगा।
शोरूम बनाकर दिए जाएंगे किराए पर
सफीदों गेट पर फायर ब्रिगेड का ऑफिस है। इस ऑफिस के पास नगर परिषद की काफी जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन पर शोरूम बनाने की योजना है। इसके अलावा यहां पर आधुनिक टॉयलेट भी बनाए जाएंगे। शहर में इस समय जो सार्वजनिक शौचालय हैं, उनकी हालत ठीक नहीं है। दिव्य नगर योजना के तहत बस क्यू शेल्टर, पानी निकासी के लिए नाले, ट्रैफिक लाइट लगाने की भी योजना है।
”शहर की सुंदरता तथा विकास के लिए दिव्य नगर योजना बनाई गई है। इस योजना पर 38 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दिव्य नगर योजना की फाइल सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई है। उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
इसके तुरंत बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे नगर परिषद की आमनी के साथ-साथ शहर में विकास के नए रास्ते खुलेंगे।”
-विरेंद्र सहरावत, जिला नगर आयुक्त