नयी दिल्ली, 21 जुलाई (एजेंसी)
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दे उठाए। वहीं, सरकार के सहयोगी दलों ने राज्यों के लिए विशेष दर्जे का मुद्दा उठाते हुए केंद्र को अपनी प्राथमिकताओं का संकेत दिया।
संसद का यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोनों सदनों को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगा तो कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर भोजनालयों के मालिकों के नाम लिखने के विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया।
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इसमें 44 दलों के 55 नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही। रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी बताया कि बीजद नेता ने रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, कांग्रेस के जयराम रमेश और के. सुरेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
रिजिजू ने बैठक के बाद कहा कि संसद को सुचारु रूप से चलाना सरकार और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार नियमों का पालन करते हुए संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
आज पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण, बजट कल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। इसके बाद मंगलवार को लगातार सातवां बजट पेश करके वह इतिहास रचने वाली हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के नाम ही रहेगा। सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। तब से उन्होंने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं। मोरारजी देसाई ने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नौ बार बजट पेश किया।
एनपीएस, आयुष्मान पर हो सकती हैं घोषणाएं
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आम बजट में नयी पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती हैं। हालांकि, आयकर के मामले में राहत की उम्मीद कम है। उनका यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे पर जोर, ग्रामीण व कृषि संबंधी आवंटन बढ़ने और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा।