चंडीगढ़, 21 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच कई मांगों को लेकर सहमति बन गई है। रविवार को सात घंटे तक चली बैठक के बाद किसान नेता संतुष्ट नजर आए। अब मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आज की बैठक में हुई चर्चा पर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर किसानों के संबंध में ऐलान किए जाएंगे। अब किसानों ने सोमवार से शुरू होने वाला आंदोलन फिलहाल टाल दिया है। आज हुई बैठक में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में उनके मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ उनके मांगपत्र के प्रत्येक बिंदु पर विस्तार से चर्चा की। किसानों की तरफ से इस बैठक में भाकियू नेता रतन मान, जोगेंद्र नैन, बलबीर सिंह, जयकरण सोनीपत, सुमित दलाल, सुरेश कौथ, सुखविंद्र सिंह, प्रह्लाद भानुखेड़ा और सुखविंद्र औलख ने भाग लिया।
किसानों ने 32 मांगों पर आधारित अपना मांगपत्र राजेश खुल्लर को सौंपा, जिसके प्रत्येक बिंदु पर चर्चा हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 जुलाई को रोहतक में हुई बैठक में राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि 20 जुलाई तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो राज्य में किसी भी समय आंदोलन की घोषणा की जा सकती है। इसलिए सरकार ने किसी तरह का रिस्क लिए बिना रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए चंडीगढ़ बुला लिया था। इस बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता रतन मान ने बताया कि बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है और सरकार का बड़ा ही सकारात्मक रुख है। किसानों को पूरे प्रदेश में कई स्थानों पर पिछले तीन साल से खराब फसलों का मुआवजा नहीं मिला है। कुछ मुआवजा बीमा कंपनियों ने देना है तो कुछ सरकार की ओर से जारी होगा। इस मुआवजा राशि को जल्दी जारी करने पर बैठक में सहमति बनी है।
हिसार के 72 गांवों के किसान लंबे समय से अपने मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर समाधान के लिए लगभग सहमति बन गई है। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को जल्दी ही सौंपने का भरोसा दिलाया है, जिसके बाद इन समस्याओं के समाधान के विभागवार आदेश जारी हो जाएंगे।
हाईटेंशन तार का मुआवजा देने की मांग उठाई
भाकियू नेता ने बताया कि किसानों के घर अथवा खेतों में स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया गया। खेतों से निकलने वाली बिजली विभाग की हाईटेंशन तारों से होने वाले नुकसान की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की गई। कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां से यह तारें खेतों के ऊपर से हर हाल में हटनी चाहिएं। दिल्ली व पंजाब की तरह हरियाणा के किसानों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की मांग सरकार से की गई। लंबित ट्यूबवैल कनेक्शन अभी तक जारी नहीं हुए हैं और जो जारी हो गए हैं, उन्हें लगाया नहीं जा रहा है। इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुई है। बीमा कंपनियों की मनमानी का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया है।