भिवानी, 21 जुलाई (हप्र)
संतमत तो महिमा ही केवल गुरु की गाता है। गुरु भी जीवित गुरु जिससे शिक्षा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर सकें। यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिनोद में स्थित राधास्वामी आश्रम में संगत को फरमाए। हुजूर कंवर साहेब ने फरमाया कि सब धर्मों और मतों में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि विश्व के सब धर्म मत सम्प्रदाय में गुरु स्तुति की जाती है। दुनिया को चलाने वाले ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं से ऊपर गुरु को ही माना गया है। गुरु महाराज ने कहा कि मन को उलझा रखा है विषय विकारों में। पाप की गठड़ी सिर पर रखी है तो ऐसे में गुरु की टेक कैसे रखे। गुरु नाम ज्ञान समझ और विवेक का है। जिसको समझ और विवेक आ गए, समझो उसने गुरु के वचन को समझ लिया। उन्होंने कहा कि इंसान छोटी-छोटी बातों से ही सीखता है, तब बड़ी समझ आती है। शिष्य बनें बिना गुरुत्व नहीं आ सकता। शिष्य तभी बन पाओगे जब यह समझ जाओगे कि गुरु जो करे वो कभी ना करना गुरु जो कहे वो हमेशा करना।
उन्होंने कहा कि नेकी के रास्ते पर हजारों अड़चनें आती हैं। इतिहास गवाह है कि सन्त महात्माओं की राह में कितने रोड़े डाले गए, कष्ट दिया गया लेकिन सत्य मार्गी को कोई अड़चन डिगा सकती। सत्संग से पूर्व आश्रम में रक्तदान शिविर भी लगाया गया जिसमें 150 यूनिट रक्त दान किया गया।