शिमला, 21 जुलाई (हप्र)
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि सुक्खू सरकार द्वारा मार्केटिंग बोर्ड के डिजिटाइजेशन टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। इससे साफ है कि घोटाला हुआ था। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष द्वारा आवाज उठाने पर सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। टेंडर निरस्त करने का कारण भी सरकार जीएसटी की अतिरिक्त मांग को बता रही है। जबकि टेंडर अवार्ड होने के अगले दिन ही बोर्ड ने फ़ार्म द्वारा अलग से जीएसटी देने की मांग को भी मान लिया गया था। वित्तीय अनियमितता और नियमों की अनदेखी करके अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए टेंडर को तो निरस्त होना ही था। लेकिन टेंडर को निरस्त करने की आड़ में सरकार घोटाले में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री से यह जानना चाहते हैं कि इस टेंडर में गड़बड़ी करने में कौन-कौन लोग शामिल हैं? इस टेंडर में गड़बड़ी करने वालों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पूरे प्रकरण में गड़़बड़ करने वाले लोगों को किसका संरक्षण मिल रहा है? भ्रष्टाचार के मामले में सरकार को ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी और घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी। सिर्फ टेंडर निरस्त करके सरकार घोटालेबाजों को नहीं बचा सकती है।