राजपुरा, 22 जुलाई (निस)
किसानों की एक्वायर की गई जमीन के खाली पड़े हिस्से को निमयों के अनुसार वापस लेने के लिये पिछले तीन वर्ष से फैक्टरी के बाहर धरने पर बैठी उजाड़ा रोकू संघर्ष समिति के संघर्ष के बाद अब उक्त मामले को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने हाथों में ले लिया है। इस संबंध में जानकारी उजाड़ा रोकू संघर्ष समिति राजपुरा के संयोजक लश्कर सिंह ने बताया कि राजपुरा में सील कंपनी द्वारा 30 साल से अधिक समय पूर्व ली गई जमीन का बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है, को नियमों के अनुसार वापस लेने के लिये लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को सेंट्रल संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद उक्त मसले को अपने हाथों में ले लिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए राजपुरा में विभिन्न सक्रिय संगठनों के केंद्रीय और स्थानीय नेतृत्व द्वारा एक संयुक्त बैठक की गई, जिसमें आने वाले समय में अगली रूपरेखा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा इस जमीन के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। यह भी पता चला है कि कंपनी इस जमीन को किसी अन्य कंपनी को बेचने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी इस जमीन को किसी अन्य कंपनी को बेचती है या बेचने का प्रयास करती है या किसी अन्य तरीके से इसके साथ छेड़छाड़ का प्रयास करती है, तो संयुक्त किसान मोर्चे के साथ जुड़े सभी संगठनों द्वारा पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा की अगली मीटिंग 27 जुलाई को होगी जिसमें मुख्य रूप से क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब, अखिल भारतीय किसान फेडरेशन, किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल, कुल हिंद किसान सभा और बीकेयू डकौंदा, नेचर एग्रीकल्चर पंजाब आदि शामिल होंगे।