दलेर सिंह/हप्र
जींद (जुलाना), 22 जुलाई
प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रशासन द्वारा जन समस्याओं के समाधान को लेकर जिला मुख्यालय व उप मंडल स्तर पर हर रोज समाधान शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते आमजन को हो रही समस्याओं की तरफ प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटरों की 15 जुलाई से चल रही हड़ताल के कारण जींद जिलाभर में जमीनों की रजिस्ट्री समेत अन्य तहसील के काम नहीं हो रहे हैं। अब तक 3200 से ज्यादा रजिस्ट्रियां अटकी हुई हैं, जिससे सरकार को लगभग 50 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो चुका है। जींद लघु सचिवालय परिसर में स्थित ई-दिशा केंद्र में भी 17 काउंटर हैं, जिनमें से ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन आरसी जैसे कार्य बंद पड़े हैं। ई-दिशा केंद्र में सरल पोर्टल ही बंद पड़ा है। लोगों को बिना कार्य करवाए वापस लौटना पड़ रहा है। हालांकि जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल का तहसील और ई-दिशा केंद्र पर कोई असर नहीं पड़ रहा है,जबकि दोनों जगह कार्य बिल्कुल ठप पड़े हैं। लोगों की परेशानी के प्रति जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। जिला प्रशासन यह भी दावा कर रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल से आम जनता का किसी भी प्रकार का कोई कार्य बाधित नहीं हो रहा है। प्रतिदिन सरल केंद्र में होने वाले सभी कार्य जैसे ओबीसी सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, लाइसेंस आदि बनवाने के कार्य निरंतर चल रहे हैं,लेकिन किसी भी अधिकारी ने तहसील कार्यालय या ई-दिशा केंद्र में आकर आम लोगों की व्यथा को नहीं सुना है।
तहसील कार्यालय का 7 दिन से नहीं खुला गेट
कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते पिछले सात दिनों से जींंद तहसील कार्यालय का गेट भी नहीं खुला है।
इसके कारण जमाबंदी, इंकताल, फर्द, रजिस्ट्री, नकल जैसे कार्य नहीं हो रहे हैं। लोगों अपने कार्य को लेकर प्रतिदिन तहसील कार्यालय आ रहे हैं। उनको तहसील में यह भी बताने वाला नहीं कि कब तक कंप्यूटर ऑपरेटर लौट आएंगे और उनके कार्य होंगे। जिले में रजिस्ट्री होनी तो दूर टोकन भी नहीं कट रहे हैं। जब आम आदमी अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें यही बोला जाता है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल चल रही है,जब हड़ताल खत्म होगी तो ऑपरेटर आ जाएंगे।
”जींद तहसील कार्यालय में सीएम विंडो, समाधान शिविर से संबंधित शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। रजिस्ट्री नहीं होने से टोकन नहीं कट रहे हैं तथा अन्य तहसील से संबंधित कार्य भी रूके हुए हैं।” -बलराम जाखड़, नायब तहसीलदार, जींद।