बहादुर सैनी/निस
सीवन, 21 जुलाई
सीवन के सौथा रोड स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला के बच्चों के लिए इन दिनों शिक्षा की राह आसान नहीं है। बच्चों की शिक्षा की राह में स्कूल के सामने बह रहा गंदा पानी मुसीबत बना हुआ है। सुबह नहा-धोकर आए स्कूली बच्चों को पतलून टांगकर स्कूल में प्रवेश करना पड़ता है। यह समस्या बच्चों के साथ स्कूली टीचरों के सामने भी है। जनस्वास्थ्य विभाग व नगर पालिका की हठधर्मिता देखिए कि कई महीने गुजरने के बाद विभाग नौनिहालों की इस पीड़ा को समझ नहीं रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सीवन नगर पालिका और जनस्वास्थ्य विभाग को इस बारे में कुछ मालूम न हो। विभाग जान-बूझकर भी अनजान बना बैठा है और स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को चोटिल होने के लिए राम भरोसे पर छोड़ रहा है।
स्कूल में कक्षा पहली से पांचवीं तक पढ़ने आने वाले 125 छात्र व स्कूल स्टाफ इस समस्या को लेकर दु:खी हैं। विभागीय लापरवाही के चलते हर दिन कोई न कोई बच्चा इस गंदे पानी की बजह से स्कूल के सामने गिरकर चोटिल हो रहा है। यह गंदा पानी न केवल बच्चों को पीड़ा दे रहा है बल्कि बरसाती मौसम में फैलने वाली बीमारियों को भी निमंत्रण दे रहा है। हैरानी की बात है कि 18 माह में पूरे होने वाले कार्य को विभाग 7 साल बाद भी पूरा नहीं कर पाया है। सीवन की 50 हजार की आबादी के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने सीवरेज व पेयजल की पाइप लाइन बिछा दी है, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण उसे चालू नहीं किया जा रहा है। हालांकि पिछले दिनों विभाग ने जल्द ही सीवरेज व्यवस्था को शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन-चार दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन देने वाला स्वास्थ्य विभाग दस दिन बीत जाने के बाद भी सीवरेज व्यवस्था को चालू करवाने में नाकाम ही रहा है।
क्या कहता है स्कूल प्रशासन
इस बारे में जब स्कूल के हेड मास्टर मंदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे नगरपालिका के अधिकारियों व जिला प्रशासन को कई बार इस समस्या को लेकर अवगत करवा चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है।