रोहतक, 23 जुलाई (निस)
किडनी संबंधित बीमारी से बचाव व इलाज के बारे में आमजन को जागरूक होना बहुत जरूरी है। साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को समय समय पर अपने शरीर की जांच जरूर करवानी चाहिए, ताकि अगर शरीर में कोई बीमारी है तो उसका समय रहते इलाज किया जा सके।
यह बात मंगलवार को मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक आशीष नंदवानी ने इस विष्य पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मैक्स हॉस्टिपल द्वारका ने होली हार्ट हॉस्टिपल रोहतक के साथ सांझेदारी में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के लिए ओपीडी सेवा शुरू की है। उन्होंने कहा कि किडनी फेल या क्रोनिक किडनी डिजीज बढ़ती रहने वाली बीमारी है जो तब होती है, जब गुर्दे समय के साथ ब्लड से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने में असमर्थ होते हैं, हालांकि यहे कंडीशन लाइलाज है, लेकिन समय पर पता लगने और तुंरत इलाज के साथ इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन और डायबिटीज को भी कंट्रोल करने से किडनी को डैमेज होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीकेडी और ईएसआरडी ऐसी कंडीशन है, जिनमें किडनी टांसप्लांट की जरूरत हो सकती है। ये कंडीशन आमतौर पर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या अन्य स्वास्थ्य कारणों के परिणामस्वरूप होती है। उन्होंने बताया कि किडनी के फंक्शन को बनाए रखने के लिए डायलिसिस किया जाता है, जो असरदार भी होता है, लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लगता है, जबकि किडनी ट्रांसप्लांट में क्वालिटी लाइफ मिलती है और मरीजों को इलाज में आजादी रहती है। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक करन भूटानी, डॉ. विनोद जांगडा ने भी अपने विचार साझा किए।