सतीश सिंह
बजट में कृषि क्षेत्र को उत्पादन उन्मुख बनाने, रोजगार सृजन में तेजी लाने, निर्माण व विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत बनाने, सेवा क्षेत्र को सबल बनाने, ग्रामीण व शहरी विकास को सुनिश्चित करने, ऊर्जा की क्षमता में इजाफा करने, आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने, नवाचार व शोध आदि पर ज़ोर देने के लिए प्रावधान किए गए हैं।
नि:संदेह, भारत विकास के मोर्चे पर दुनिया के कई प्रमुख देशों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। उदाहरण के तौर पर आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के 6.5 से 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
अमेरिका में वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर के 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। वहीं, यूरो जोन में वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर के 0.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। ब्रिटेन में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान विकास दर के 0.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। हालांकि, चीन में वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
मौजूदा समय में सबसे अधिक संख्या में आयकर देने वाले वेतनभोगी वर्ग हैं। इसलिए, उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए नई कर संरचना का विकल्प चुनने वालों के लिए 7.75 लाख तक की आय को आयकर के दायरे से मुक्त किया जायेगा, जिससे वेतन भोगियों को 17.5 हजार रुपये का लाभ होगा। एनपीएस योजना का लाभ ले रहे कर्मचारियों को और भी फायदा मिल सके, के लिए नियोक्ता के योगदान पर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।
अब एक लाख रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारी, जब कर्मचारी भविष्यनिधि संस्थान में पहली बार खुद को पंजीकृत करेंगे तो उन्हें 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में दी जायेगी। नया रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं के लिए सरकार एक महीने का भविष्यनिधि अंशदान करेगी, ताकि वे अंशदान देने के लिए प्रोत्साहित हों। सरकार ने पेंशन भोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कर की कटौती सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की बात बजट में कही है। इसे एक बहुत ही जरूरी पहल कहा जा सकता है, क्योंकि बुढ़ापे में इंसान को पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए पूंजीगत खर्च में तेजी लाना बहुत ही जरूरी है। कोरोना काल से लेकर अभी तक सरकार इस महती कार्य को शिद्दत के साथ कर रही है। इसलिए, पूंजीगत खर्च को बढ़ाने के लिए बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस क्रम में ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। छह करोड़ किसानों का विवरण लैंड रजिस्ट्री में दर्ज किया जायेगा, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। पांच राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की बात भी बजट में कही गई है। किसान क्रेडिट कार्ड ने लाखों किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की है। इसलिए, माना जा रहा है कि सरकार की इस पहल से लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। बजट प्रावधानों के अनुसार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा, ताकि ज्यादा उत्पादन कम लागत में किया जा सके। बजट प्रावधानों के मुताबिक सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए उसके कलस्टर को आगे बढ़ाया जायेगा।
उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने वाले छात्रों को घरेलू शिक्षा संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने के लिए 10 लाख रुपये का ऋण दिया जायेगा। बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं को 2 लाख करोड़ रुपये की लागत से रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
युवाओं के लिए मुद्रा ऋण की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे, उन्हें कुछ बड़े स्तर पर कारोबार करने में मदद मिलेगी। साथ ही, वे दूसरों को रोजगार देने में समर्थ हो सकेंगे। बजट में 500 शीर्ष कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की भी बात कही गई है, जिसके तहत इंटर्न को 5,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जायेगा। इस प्रावधान से युवा कौशलयुक्त बन सकेंगे और उन्हें रोजगार मिलने में आसानी होगी। बजट में 5 सालों में 20 लाख युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं। इस क्रम में आदर्श कौशल ऋण योजना के तहत युवाओं को 7.5 लाख रुपये का ऋण दिया जायेगा। विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए 3 ऋण गारंटी योजना लाई जायेगी, ताकि अधिक से अधिक संख्या में उद्यमियों को रोजगार मिल सके। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ परिवारों को आवास प्रदान करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा।
महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने मुफ्त बिजली देने का प्रावधान किया गया है।
बजट प्रावधानों से साफ है, सरकार ने समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपायों जैसे, आधारभूत संरचना, कृषि, शिक्षा, रोजगार, बैंकिंग, ऊर्जा क्षेत्र आदि क्षेत्रों को मजबूत बनाने की पहल की है।