संगरुर, 23 जुलाई (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय बजट से किसानों को बहुत निराशा हुई है। बजट में एमएसपी गारंटी कानून, किसानों व मजदूरों की कर्ज़मुक्ति एवं स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी देने सम्बन्धी मुद्दों पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया। इस वर्ष कृषि बजट कुल बजट का 3.15% रहा, किसान नेताओं ने कहा कि हम देश की आबादी का 50 फीसदी हिस्सा हैं और हमारे लिए बजट मात्र 3.15 %, यह किसानों व मजदूरों के साथ घोर अन्याय है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने बजट में खाद्यान्न तेल व दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभियान चलाने की बात कही लेकिन जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा तब तक खाद्यान्न तेलों, दलों के मामलों में आत्मनिर्भरता व फसलों का विविधिकरण सम्भव नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने खेती में 108 नई वैरायटी के बीजों को लाने की बात कही है लेकिन सरकार को पहले इस बात का जवाब देना चाहिए कि हमारे देशी बीजों को संरक्षित करने के लिए सरकार क्या कर रही है? केंद्र सरकार की नीतियां किसानों को आत्मनिर्भरता से बाजार पर निर्भरता की तरफ लेकर जाने का प्रयास कर रही हैं। किसानों ने ये भी कहा कि पिछले 5 सालों में वित्त मंत्रालय ने जितना बजट कृषि मंत्रालय को दिया उसमें से भी कृषि मंत्रालय ने 1 लाख करोड़ वापस लौटा दिया जिससे यह साबित होता है कि वर्तमान सरकार खेती-किसानी के मुद्दों पर गंभीर नहीं है।