फरीदाबाद, 23 जुलाई (हप्र)
तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित नागर ने भाजपा सरकार पर क्षेत्र के विकास की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दस सालों में इस क्षेत्र के हालात बद से बदत्तर हो गए है। तीन हिस्सों में बंटे तिगांव क्षेत्र की कालोनियों, सेक्टरों व गांवों में कहीं भी विकास ढूंढे नजर नहीं आता और यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से त्राहि-त्राहि करने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय सांसद, विधायक व अन्य भाजपा प्रतिनिधि कोई भी जनता को जवाब नहीं दे रहा कि आखिर इस क्षेत्र के साथ विकास में सौतेला व्यवहार क्यों बरता। उन्होंने कहा कि आज तिगांव क्षेत्र की जनता भाजपाइयों से दस सालों के विकास का हिसाब मांग रही है और जनता की आवाज पर ही उन्होंने तिगांव मांगे हिसाब अभियान की शुरूआत की है, जिसके तहत वह सेक्टरों, कॉलोनियों व गांवों में लोगों से रूबरू होकर उनकी समस्याएं जानेेंगे ताकि आने वाले समय में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर इन सभी समस्याओं का जड़मूल से समाधान करवाया जा सके। नागर मंगलवार को नीलम-बाटा रोड स्थित होटल राजमंदिर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता महेश नागर, डॉ. बाबूलाल रवि, अशोक रावल, कमल सिंह चंदीला, विजेंद्र सिंह तंवर, ज्ञानचंद गोयल, ब्रह्म प्रधान, अभिलाष नागर, रोहतास चौधरी, गंगाराम जाट, रविन्द्र वशिष्ठ, प्रदीप धनखड, मनोज नागर, अखिलेश शर्मा, ऋषिपाल करहाना आदि गणमान्य लोग मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय विधायक राजेश नागर पर बड़ा कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र, प्रदेश व नगर निगम में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद स्थानीय विधायक क्षेत्र का विकास नहीं करवा पाए, उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में दो-दो बार मुख्यमंत्री ने रैलियां करके कई घोषणाएं की, जो सिर्फ घोषणाएं ही बनी हुई हैं, आज तक उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया गया। यहां तक कि जिस बसंतपुर में मुख्यमंत्री ने रैली के दौरान 100 बैड के अस्पताल बनवाने की घोषणा की थी, आज वहां अस्पताल तो दूर सौ ईंट तक नहीं लगी, जो इनकी कथनी और करनी के अंतर को साफ दर्शाता है। पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि भाजपा विधायक तिगांव क्षेत्र में सीवरेज लाइन डालने का जो श्रेय लूट रहे है, वह कार्य उनके द्वारा 2014 में विधानसभा में मुद्दा उठाने पर मंजूर हुआ था और यहां चार इंच की सीवरेज लाइन डाली गई, जो कि आबादी के हिसाब से नाकाफी थी।