जसमेर मलिक/ हप्र
जींद, 23 जुलाई
इस साल जींद की नई अनाज मंडी में धान की फसल को किसानों को खुले आसमान के नीचे नहीं डालना पड़ेगा। इसके लिए अनाज मंडी में लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से शेड बनकर तैयार हो गए हैं। जींद की नई अनाज मंडी में जो दो बड़े शेड मंडी की स्थापना के समय साल 1990-1991 में लगाए गए थे, वे जर्जर हो चुके थे। ये शेड मंडी में आने वाली किसानों की गेहूं और धान की फसल को बारिश तथा खराब मौसम से बचाने के लिए लगाए गए थे।
जींद की नई अनाज मंडी में 3 करोड़ 9 लाख रुपए की लागत से नए शेड के निर्माण का काम हाल ही में पूरा हो गया है। हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने पिछले साल टेंडर जारी कर ठेकेदार को वर्क अलॉट किया था। ठेकेदार ने शेड निर्माण का काम पूरा होने की रिपोर्ट बोर्ड को दे दी है। बोर्ड के अधिकारियों ने मंडी में शेड निर्माण पूरा होने की पुष्टि कर दी है। इसके बाद अब किसानों को आने वाली धान की फसल खुले आसमान के नीचे नहीं डालनी पड़ेगी। अगले साल गेहूं की फसल भी किसान शेड के नीचे डालकर निश्चिंत हो जाएंगे।
इस साल जींद की नई अनाज मंडी में गेहूं की फसल किसानों को खुले आसमान के नीचे डालनी पड़ी थी। सीजन के दौरान हुई बारिश में काफी फसल खराब भी हुई थी।
धनौरी में अक्तूबर तक लग जाएगा शेड
इस मामले में हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के एसई नवीन दहिया ने कहा कि जींद की नई अनाज मंडी में शेड निर्माण का काम पूरा हो गया है। जींद की धनौरी मंडी में शेड निर्माण का काम अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा।