अम्बाला शहर, 23 जुलाई (हप्र)
आज जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा को निरीक्षण के दौरान राजकीय प्राथमिक पाठशाला बडोली के विद्यालय में 2 कमरे बिल्कुल जर्जर अवस्था में खड़े मिले। उन्होंने विद्यालय स्टाफ को निर्देश दिए कि जर्जर खड़े इस भवन के ऊपर नोटिस लगाया जाए कि यह भवन असुरक्षित है और कोई भी इस भवन के अंदर प्रवेश न करे। दरअसल डीईईओ सुधीर कालड़ा ने आज राजकीय प्राथमिक पाठशाला जलालपुर और बडोली का औचक निरीक्षण किया। इन विद्यालयों में उन्होंने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था एवं मिड डे मील सुविधा का जायजा लिया। उन्होंने इन विद्यालयों में स्थापित आंगनबाड़ी केंद्रों का भी निरीक्षण किया। बड़ोली स्कूल में जर्जर कमरों को लेकर अध्यापक भजनलाल ने डीईईओ को बताया कि बच्चों के बैठने के लिए विद्यालय में पर्याप्त सुरक्षित भवन है और जर्जर खड़े इन 2 कमरों का इस्तेमाल बच्चों के बैठने के लिए नहीं होता है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय स्टाफ को इस भवन के चारों ओर 3 परतों में कांटेदार तार या रस्सी इत्यादि लगाने के निर्देश भी दिए ।
अधिकारी ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला जलालपुर में भी एक बंद पड़े कमरे को दिखा जिस पर विद्यालय में तैनात स्टाफ ने बताया कि यह कमरा पिछले काफी दिनों से बंद पड़ा है, विद्यालय में बच्चों के लिए पर्याप्त सुरक्षित भवन उपलब्ध होने के कारण इस बंद पड़े कमरे को खोलने की कभी जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने विद्यालय स्टाफ को इस कमरे को भी नियमित रूप से खोलने और बंद करने बारे कहा तथा विद्यालय के सभी कमरों की छतों की सफाई करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए ताकि छतों के ऊपर बरसात के मौसम में पानी ना खड़ा हो पाए और विद्यालय के कमरों की छतें सुरक्षित रहें।
उन्होंने दोनों विद्यालयों में मिड डे मील के लिए राशन की भंडारण व्यवस्था को देखा और बच्चों के लिए बनाए गए मिड डे मील को चख कर देखा। आज गांव जलालपुर में सब्जी पुलाव व काला चना जबकि गांव बडोली में पुलाव बनाया गया था। इस पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बडोली गांव के स्कूल की कुक्स को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी रेसिपीज के अनुसार ही मिड डे मील बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने दोनों विद्यालय के कुक्स को स्पष्ट निर्देश दिए कि बरसात के मौसम को देखते हुए राशन में उपलब्ध करवाए गए फोर्टीफाइड चावल व आटे का सुरक्षित टंकियों में भंडारण करें ताकि मौसम की नमी के कारण आटा और चावल खराब ना हो और बच्चों को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यप्रद मिड डे मील दिया जा सके।