एस. अग्निहोत्री/हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 23 जुलाई
लोकसभा में मंगलवार को पेश हुए केंद्रीय बजट में केंद्र ने चंडीगढ़ को अतिरिक्त पैसे न देकर वही बजट बरकार रखा जो कि फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में था। अकसर चंडीगढ़ को रिवाइज्ड एस्टीमेट (आरई) में ही अतिरिक्त पैसा मिलता है। प्रशासन की उम्मीद अब आरई पर है जो कि अगले तीन-चार महीनों में मिल सकता है। ऐसे में प्रशासन को केंद्र सरकार के आगे दोबारा हाथ फैलाने पड़ेंगे। प्रशासन को सितंबर में रिवाइज्ड एस्टीमेट भेजना होता है और उसमें और बजट की मांग की जा सकती है। पिछले साल दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार की ओर से 2023-24 के रिवाइज्ड एस्टीमेट में 9.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 6678.45 करोड़ की राशि जारी की गई थी। केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष एक निर्धारित राशि यूटी प्रशासन को अलाट की जाती है, जिसके बाद प्रशासन अपने स्तर पर अलग-अलग विभागों को बजट (फंड) की अलाटमेंट करता है।
केंद्र सरकार ने फरवरी में पेश हुए अंतिरम बजट में चंडीगढ़ के बजट में 7.01 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। पिछले साल केंद्र ने चंडीगढ़ का बजट 13.08 फीसदी बढ़ाया था। इस साल अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने पिछले साल की तुलना में 426.52 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की थी जो कि पिछले साल से करीब 7.01 फीसदी अधिक थी। केंद्र ने चंडीगढ़ के बजट में पिछले साल 704.31 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए थे। चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वित्त मंत्रालय से करीब 7 हजार करोड़ रुपये मांगे थे। प्रशासन ने 2024-25 बजट में शहर से जुड़े सभी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था। लेकिन, केंद्र से प्रशासन को 6513.62 करोड़ रुपये मिले थे। अगले वित्त वर्ष के लिए वित्त मंत्रालय ने प्रशासन को रेवेन्यू हेड के तहत 5858.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे जबकि कैपिटल हेड के तहत 655 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए प्रशासन को केंद्र से 6087.10 करोड़ रुपये मिले थे जिसमें रेवेन्यू हेड के तहत 5365.07 करोड़ और कैपिटल हेड के तहत 722.03 करोड़ रुपये थे।
वित्त मंत्रालय ने अंतरिम बजट में चंडीगढ़ को रेवेन्यू हेड में 493.55 करोड़ रुपये अधिक दिए थे। इस हेड में 5858.62 करोड़ रुपये मिले थे। जबकि वर्ष 2023-24 में 5365.07 करोड़ और 2022-23 में 4843.46 करोड़ तथा 2021-22 में 4567 करोड़ रुपये मिले थे। वहीं कैपिटल हेड की बात करें तो इसमे कटौती हुई थी। 2022-23 में भी इसमें कट लगा था। पिछले साल कैपिटल हेड में 722.03 करोड़ रुपये मिले थे। वहीं नए वित्त वर्ष के लिए 655 करोड़ रुपये मिले हैं। ऐसे में 67.03 करोड़ रुपये कम मिले थे।
पीजीआई के लिए कुल 2200 करोड़ रुपए का प्रावधान
चंडीगढ़ पीजीआई को इस बार बजट में कुल 2200 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। जो कि पिछले साल के एस्टीमेट बजट से 276.90 करोड़ और रिवाइज्ड बजट से 77 करोड़ अधिक है। इसमें कैपिटल के लिए 350 करोड़, सैलरी के लिए 1500 करोड़, सामान्य ग्रांट इन एड के लिए 340 करोड़ और मुख्य ग्रांट इन एड में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।