चंडीगढ़/संगरूर, 24 जुलाई (एजेंसी/निस)
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार के समक्ष पेश हुए। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 15 जुलाई को शिअद अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और बागी नेताओं के आरोपों पर लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था।
सबसे पहले सुखबीर बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका। फिर वह श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हुए। इस मौके पर पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर सिंह भूंदड़ भी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को एक सीलबंद लिफाफा सौंपा जिसे पांच सिंह साहिबानों की कमेटी के सामने खोला जाएगा। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मीडिया से बातचीत नहीं की।
इस बीच, अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि बादल ने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है। वहां मौजूद एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने भी अपना स्पष्टीकरण सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रेम सिंह चंदूमाजरा और बीबी जगीर कौर सहित बागी शिअद नेता एक जुलाई को अकाल तख्त के जत्थेदार के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद बादल को तलब किया गया था।
विद्रोही गुट के माफीनामे के प्रमुख बिंदु
विद्रोही नेताओं ने एक जुलाई को पूर्ववर्ती शिअद शासन के दौरान की गई चार गलतियों के लिए माफी मांगी थी, जिसमें 2015 की बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने में विफलता और 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना शामिल है। उन्होंने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री रहे बादल को इनके लिए जिम्मेदार ठहराया था। अकाल तख्त ने 2015 में लिखित माफीनामे के आधार पर डेरा प्रमुख को माफ कर दिया था, लेकिन बाद में निर्णय रद्द कर दिया था। आरोपों में विज्ञापनों पर 90 लाख रुपये खर्च करना भी शामिल है।