शिमला, 24 जुलाई (हप्र)
मोदी सरकार ने हिमाचल में रेल नेटवर्क के विस्तार व अन्य कार्यों के लिए 2698 करोड़़ की रकम मंजूर की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बीते रोज पेश किए गए बजट में हिमाचल के लिए रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए यह राशि आबंटित की गई है। विश्व धरोहर शिमला-कालका हेरिटेज रेल लाइन के शिमला रेलवे स्टेशन सहित प्रदेश के 4 अन्य रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय मानक के आधार पर बनाया जा रहा है। पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल लाइन पर पालमपुर रेलवे स्टेशन को भी विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। दो अन्य रेलवे स्टेशनों में बैजनाथ-पपरोला व अंब-इंदौरा शामिल हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली से वर्चुअल मोड से पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हेरिटेज रेल लाइन को छोड़कर अन्य सभी रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। शिमला-कालका हेरिटेज रेल लाइन को छेड़ा नहीं जा सकता है क्योंकि इस रेल लाइन पर यूनेस्को के सभी नियम लागू होते हैं। रेल मंत्री ने कहा कि प्रदेश को प्राप्त रेल बजट से निर्माणाधीन भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन का निर्माण तेजी से आगे बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त बद्दी-चंडीगढ़ रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है, अब आगे निर्माण कार्य शुरू होगा जबकि नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन का भी विस्तार इसी बजट से होगा।
उल्लेखनीय है कि 63 किमी लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन का विस्तार लेह तक करने की सरकार की योजना है। इस रेल लाइन का सर्वेक्षण हो गया है। बिलासपुर से मंडी-मनाली, सिस्सु, दारचा, केलंग खारसू होते हुए यह रेल लाइन लेह पहुंचेगी। इस प्रस्तावित रेल लाइन की लंबाई 489 किमी है। बिलासपुर से लेह तक रेल लाइन में 62 सुरंगें तथा 40 स्टेशन होंगे।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन का निर्माण दिसंबर 2026 तक पूरा होने की डेडलाइन है। मगर रेल विकास निगम इस कार्य को 2025 में पूरा करने के प्रयास में है। इस रेल लाइन की वास्तविक निर्माण लागत 2966 करोड़ थी, मगर समय पर काम शुरू न होने के साथ-साथ भू अधिग्रहण में विलंब की वजह से इसकी लागत बढ़ कर 6753 करोड़ तक पहुंच गई है। अब तक इस पर करीब 5190 करोड़ की रकम खर्च हो चुकी है।