शिमला, 25 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू वन क्षेत्र की भूमि पर किए अवैध कब्जे से जुड़े एक मामले का निपटारा करते हुए तुरंत वन भूमि को खाली करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मंडलीय आयुक्त व कलेक्टर-सह-मंडलीय वन अधिकारी, आनी वन मंडल, लुहरी, जिला कुल्लू के आदेशों से प्रार्थी द्वारा सरकारी वन भूमि पर किए अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई है। इसलिए संबंधित तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों, डीएफओ सहित अन्य वन अधिकारियों को सरकारी वन भूमि की स्थायी सीमा तय करने के पश्चात प्रार्थी द्वारा कब्जाई तमाम वन भूमि का कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को इस बाबत 31 अगस्त, 2024 तक का समय दिया है। कोर्ट ने कब्जा वापस लेने के संबंध में अनुपालना शपथपत्र संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा दाखिल करने के आदेश भी जारी किए हैं।
संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अगर उक्त भूमि के सीमांकन के दौरान अन्य अतिक्रमणों को मौके पर पाते हैं तो उन्हें भी समयबद्ध तरीके से वन भूमि से कानून के दायर में रहकर उचित कार्रवाई करके छह माह में हटा दें। कब्जाई गई वन भूमि पर यदि कोई निर्माण किया गया है तो वह हिमाचल प्रदेश सरकार या वन विभाग में निहित होगा और उसका राज्य सरकार या वन विभाग द्वारा उपयोग किया जाएगा। कोर्ट ने प्रार्थी को छूट दी है कि यदि वह निर्माण से जुड़ी सामग्री उक्त वन भूमि से खुद ही हटाकर ले जाना चाहे तो वह 30 अक्तूबर, 2024 से पहले यह कार्य कर सकता है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त निर्दशों की अनुपालना में किसी भी लापरवाही या ढील को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ परिणामी प्रतिकूल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोर्ट ने संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने और वीडियोग्राफी की प्रति शपथपत्र के साथ रिकॉर्ड पर रखने के आदेश भी दिए।