चंडीगढ़, 25 जुलाई (ट्रिन्यू)
रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अर्द्ध-सैनिक बलों की विभिन्न मांगों को उठाते हुए कहा कि देश की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के हितों व भविष्य की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सीएपीएफ भारत संघ के सशस्त्र बल हैं। इनके जवानों को सेना की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) का लाभ दिया जाए। सीएपीएफ कर्मियों के लिए 100 दिन का अवकाश सुनिश्चित हो। हर राज्य में सैनिक बोर्ड की तर्ज पर राज्य अर्द्ध-सैनिक बोर्ड का गठन किया जाए।
बृहस्पतिवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में अर्द्ध-सैनिक बोर्ड को अधूरे ढंग से गठित किया है। देश के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले सैनिकों का मान-सम्मान व उनका हित सर्वोपरि है। देश के केंद्रीय पुलिस बलों की सभी मांगें जायज हैं। दीपेंद्र ने कहा कि गृह मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि ये भारत संघ के सशस्त्र बल हैं। अर्द्ध-सैनिक बल के जवान पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की मांग करते आ रहे हैं।
सेना में आज भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू है। ऐसे में सीएपीएफ कर्मियों की मांग को पूरा किया जाए। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी सीएपीएफ सैनिकों को साल में 100 दिन के अवकाश की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कर्मियों को 60 दिन का अवकाश ही मिल रहा है।
दीपेंद्र ने कहा, यह मामला हमारे देश की रक्षा और सेवा में तैनात हर एक सीएपीएफ जवान के हित से जुड़ा है। ऐसे में इस पर केंद्र सरकार तुरंत अमल करे।