जयबीर राणा थंबड/निस
बराड़ा, 25 जुलाई
नवनियुक्त वीएलडीए, वीएस की भर्ती के दौरान ट्रेनिंग के बाद विभाग के पोर्टल से स्टेशन अलॉट किए जाने थे, लेकिन इस पोर्टल पर गांव थंबड़ के पशु अस्पताल का नाम ही गायब है। जिस कारण यह स्टेशन आज भी खाली है और विभाग की तरफ से यहां कोई भी स्थायी पशु चिकित्सक नहीं है। ग्रामीणाों का कहना है कि थंबड़ में पशु चिकित्सकों की दो पोस्ट हैं जिसमें एक वेटरनरी सर्जन और वीएलडीए की पोस्ट है। गांव में चिकित्सक की स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि थंबड़ में 80 प्रतिशत लोग पशुपालन करते है। ऐसे में इन लोगों को पशु चिकित्सालय की जरूरत पड़ती है। थंबड़ के साथ ही कई छोटे गांव भी हैं और इन गांवों के पशुपालक भी थंबड के पशु चिकित्सालय से अपने पशुओं का इलाज करवाते है, लेकिन कई महीनों से यहां पर कोई स्थायी पशु चिकित्सक नहीं है। अतिरिक्त कार्यभार के साथ यहां पर पशु चिकित्सक की नियुक्ति की गई, वे भी समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। जिस कारण पशुपालकों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। प्राइवेट इलाज बहुत ही महंगा पड़ता है। पशु पालकों का कहना है कि हमारे गांव में स्थायी पशु चिकित्सक भेजा जाए। लोकसभा चुनाव से पहले वीएलडीए की 700 पदों की भर्ती की गई थी। उसके बावजूद थंबड़ में वीएलडीए नहीं दिया गया। ग्रामीण जयसिंह, सुभाष राणा, कप्तान सिंह ने कहा के थंबड़ में पशु चिकित्सालय भवन जर्जर हालत में था। उसे डैमेज घोषित कर दिया गया था और विभाग ने उसके सामान की बोली भी करवा दी थी। उसके बाद से जमीन खाली पड़ी है, उस पर विभाग की ओर से पशु चिकित्सालय बनवाया जाना था, मगर विभाग की लेटलतीफी के कारण पशु चिकित्सालय नहीं बनाया गया। गांव में पशु चिकित्सालय न होने के कारण पशुपालकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। फिलहाल पशु चिकित्सालय पंचायत के वृद्धआश्रम में एक छोटे से कमरे में खोला गया है, मगर वहां पर भी कोई स्थाई पशु चिकित्सक उपलब्ध नहीं है।
पशुपालन विभाग के निदेशक कार्यालय ने पशु चिकित्सालय की बिल्डिंग के नक्शे को लेकर कुछ आपत्ति लगाई थी। जल्द ही विभाग के अनुसार नक्शा बनाकर भेज दिया जाएगा।
-ओम प्रकाश, जेई, पीडब्ल्यूडी
अम्बाला में अभी मेरी नई नियुक्ति हुई है। थंबड़ पशु अस्पताल के बारे में जानकारी मिलने के बाद ही कुछ बता सकते हैं। यदि वहां किसी को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है और वह अस्पताल में नहीं आता तो इसकी जांच करेंगे।
अनिल बनवाल
डिप्टी डायरेक्टर,पशुपालन विभाग