भिवानी, 25 जुलाई (हप्र)
बलियाली गांव में पेयजल किल्लत के चलते ग्रामीणों ने आज जलघर पर ताला जड़ दिया और जमकर नारेबाजी की। बलियाली वासियों के घरों में 10 दिन बाद भी पानी नहीं आने पर बलियालीवासियों ने गुरूवार 11 बजे जलघर को ताला जड़ दिया और राज्य मंत्री विशम्भर वाल्मीकि सहित सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा उनके हिस्से का पानी जुई नहर में दिया जा रहा है। राज्य मंत्री उनके हलके सहित उनके गांव के लिए कुछ भी नहीं कर रहे। सूचना पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जेई सचिन कौशिक पहुंचे। जहां हरियाणा जागृति मोर्चा के हलका अध्यक्ष जयबीर अहलान, गजेन्द्र कुमार, मेघा बागड़ी, बुधराम, बलजीत रेढू, मुकेश सिंगल, पवन अग्रवाल, आदि ने बताया कि उनके घरों में दस दिन बाद भी पानी नहीं आ रहा। सुन्दर नहर में रविवार शाम को बवानी खेड़ा एरिया में पहुंचा था। ग्रामीणों का कहना था कि सुन्दर नहर से जुडे माइनरों में कम पानी पहुंचने सहित जुई नहर में सात दिन बाद भी पानी जारी रखने से पानी की कमी हुई है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर भेदभाव का आरोप भी लगाया।
ग्रामीणों के अनुसार सुन्दर नहर में पानी इतना कम था कि बवानी खेडा, बलियाली, सीपर, किरावड, रतेरा, रोहणात जलघर की मोरी भी नहीं डूब पाई थी। विरोध के चलते 23 जुलाई शाम को सुंदर डिस्ट्रीब्यूटरी में आधा अधूरा पानी छोड़ा गया। 25 जुलाई तक बवानी खेड़ा, बलियाली, किरावड, रतेरा के जलघर नहीं भर पाए। जहां ग्रामीणों ने देखा सुन्दर नहर में पांच दिन बाद भी मात्र एक ही टैंक में पानी एकत्रित हो पाया वो भी मात्र तीन फुट ही। उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जुई नहर में 17 जुलाई को पानी छोडा गया था। जो पानी आठ दिन बाद भी चल रहा है। उनके हिस्से का पानी जुई नहर में छोडा जा रहा है। जिस पर जेई सचिन कौशिक ने बताया ये मामला उनके विभाग का नहीं है। हमारी टीम रात को नहरों से पानी एकत्रित करने में लगी हुई है। जितना भी पानी उन्हें मिल रहा है। उसमें ही वो काम चला रहे हैं। रात को तो वो भी बंद हो जाता है।
हमारे हिसाब से सही दिया जा रहा है पानी : देशवाल
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अमन दीप देशवाल का कहना है कि रोटेशन के हिसाब से सुन्दर नहर में पूरा पानी दिया जा रहा है। जो भी आरोप लगा रहा है वो निराधार है।
27 जुलाई को बंद हो जाएगा पानी
ग्रामीणों ने बताया कि नहरों के बंद होने में केवल एक दिन बाकी है। ऐसे में इन माइनरों पर पड़ने वाले जलघरों को किस तरह से पानी भरा जा सकेगा। अगर बारिश नहीं हुई तो 27 जुलाई को उक्त ग्रुप की नहरें बंद हो जाएंगी तो इस बार भी बवानीखेड़ा व तोशाम इलाके के अधिकांश जलघर खाली रह जाएंगे। पानी की कमी के चलते इन जलघरों में पीने के पानी का स्टॉक पूरा नहीं हो पाया है। अगर अतिरिक्त पानी नहीं मिला तो इस बार फिर से पीने के पानी के लिए हाहाकार मच सकता है।