कुरुक्षेत्र, 25 जुलाई (हप्र)
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि सरकार द्वारा देश के एकमात्र एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र, रामनगर, कुरुक्षेत्र को अपग्रेड किया जाएगा। इस परियोजना के तहत केन्द्र सरकार की तरफ से 2 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया जाएगा। इस मधुमक्खी पालन केन्द्र से कुरुक्षेत्र ही नहीं हरियाणा प्रदेश के मधुमक्खी पालक किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि इजराइल प्रोजेक्ट के तहत रामनगर कुरुक्षेत्र में वर्ष 2017 में एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र की स्थापना की गई थी। इस केन्द्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्य में आधुनिक तकनीकों व संयंत्रों के उपयोग से मधुमक्खी व्यवसाय को वाणिज्य स्तर पर शहद उत्पादकता बढ़ाना, फसलों में परागण हेतु बागवानी व कृषि फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना, स्वास्थ्य व बीमारी रहित मधुमक्खी कालोनियों के रखरखाव हेतु प्रबंधन प्रदर्शनी लगाना, शहद निकालने, भंडारण, प्रसंस्करण, टेस्टिंग, पैकेजिंग व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विपणन को बढ़ाना, शहद में मूल्य वृद्धि को बढ़ावा देना, मधुमक्खी पालकों का एक प्रशिक्षित समूह तैयार करते हुए आय बढ़ाना तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है।
उन्होंने कहा कि अब केन्द्र सरकार की तरफ से इस मधुमक्खी पालन केंद्र को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए करीब 2 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा। इस सेंटर में मधुमक्खी काॅलोनियों में इजाफा किया जाएगा, मधुमक्खी पालन गृह, शहद प्रसंस्करण व बाटलिंग इकाई, प्रयोगशालाएं, मधु पार्लर, मधुमक्खी पार्क, प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ-साथ भवन को भी अपग्रेड किया जाएगा। यह केन्द्र शहद व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। इसमें शहद व्यापार केन्द्र के निर्माण की मंजूरी एमआईडीएच योजना के तहत 2 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2022 में की गई थी एवं इसकी भंडारण क्षमता 2500 मीट्रिक टन है। इस सेंटर के अपग्रेड होने से हरियाणा और आस-पास के राज्यों के किसानों को फायदा होगा।
एकीकृत मधुमक्खी पालन केंद्र के उपनिदेशक बोले
एकीकृत मधुमक्खी पालन केंद्र के उप निदेशक डा. सतेन्द्र यादव ने कहा कि उद्यान विभाग की तरफ से भारत व इजराइल के सहयोग से एमआईडीएच स्कीम के तहत कुरुक्षेत्र के रामनगर में 10.5 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2017-18 में एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र की स्थापना की गई थी। यह केन्द्र राज्य में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह देश का अपनी किस्म का पहला मधुमक्खी पालन केंद्र है।