चंडीगढ़, 26 जुलाई (टि्रन्यू)
हरियाणा के डॉक्टर शुक्रवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद एचसीएमएस एसोसिएशन अनिश्चतकालीन हड़ताल का ऐलान कर चुकी है। इधर, एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के कर्मचारियों ने भी चार दिन की हड़ताल शुरू कर दी। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं और नायब सरकार की समस्या बढ़ गयी है। हड़ताल लंबी चली तो परेशानी बढ़ेगी।
डॉक्टर इस बात पर अड़े हैं कि सरकार उनकी मानी गई मांगों का नोटिफिकेशन जारी करे। बृहस्पतिवार को सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर तथा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ एसोसिएशन पदाधिकारियों की कई दौर की वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई।
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से ओपीडी ठप हो गई हैं। सबसे अधिक परेशानी इमरजेंसी के मरीजों को हो रही है। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया का साफ कहना है कि सरकार मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उनका कहना है कि जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होता तब तक चार डॉक्टरों की भूख हड़ताल और डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी।
सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों की मांगों का रास्ता निकालने के लिए शुक्रवार को वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के बीच बैठक भी हुई। लंबित मांगों को लेकर मंथन हुआ। बताते हैं कि कुछ ऐसे बिंदु हैं, जिन पर मुख्यमंत्री के स्तर पर निर्णय होना है।
इधर, एनएचएम कर्मियों ने फिलहाल चार दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। शुक्रवार को एनएचएम निदेशक के साथ उनकी मांगों को लेकर बैठक भी हुई, लेकिन बात नहीं बनी। एनएचएम कर्मियों ने दो-टूक कहा है कि अगर चार दिन में भी मांगों पर फैसला नहीं हुआ तो आंदोलन बढ़ाया जा सकता है। एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, टीकाकरण, डाटा अपडेट करने के अलावा केंद्र के प्रोजेक्ट और सरकार के कई पोर्टल प्रभावित होंगे।
निजी लैब में जांच करवा सकेंगे मरीज
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान किया है कि सरकारी अस्पतालों में लैब टेस्ट या अल्ट्रासाउंड नहीं होंगे तो उस स्थिति में मरीज प्राइवेट लैब में अपन्ाी जांच करवा सकेंगे। सरकारी अस्पतालों के फंड से इसका भुगतान होगा। सरकार ने सभी जिलों के सीएमओ (सिविल सर्जन) को निर्देश दिए हैं। उनसे प्राइवेट लैब्स को पैनल पर लेने को कहा गया है।