द्रास, 26 जुलाई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहा है। कारगिल युद्ध में जीत की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर द्रास पहुंचकर मोदी ने शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा, ‘अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है।’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को कई समितियों में वर्षों तक उठाया गया, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की इस चुनौती को हल करने की इच्छाशक्ति पहले नहीं दिखाई गई। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया।’
उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। मोदी ने कहा, ‘पेंशन देने की नौबत 30 साल बाद आएगी। तब तो मोदी 105 साल का हो गया होगा और तब भी क्या मोदी की सरकार होगी?’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए दल नहीं बल्कि देश सर्वोपरि है। मोदी ने कहा, ‘ये वही लोग हैं जो कारगिल विजय दिवस को भी नजरअंदाज करते रहे। ये तो देश की कोटि-कोटि जनता का आशीर्वाद है कि मुझे तीसरी बार सरकार बनाने को मौका मिला। वरना अगर वही आ जाते तो इस युद्ध विजय को याद नहीं करते।’
सभी ने किया वीरों को नमन
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सशस्त्र बलों के सभी जवानों ने कारगिल के जांबाज रणबांकुरों को नमन किया। अलग-अलग कार्यक्रमों में सभी ने वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी शहीदों को नमन किया।
आतंकवाद की आड़ में पाकिस्तान का छद्म युद्ध जारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा। वह आतंकवाद की आड़ में छद्म युद्ध जारी रखे हुए है। मोदी ने कहा, ‘हमारे वीर जवान सभी आतंकवादी साजिशों को कुचल देंगे।’ मोदी ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ शांति बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने अपना असली रंग दिखा दिया है। प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश और केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा प्रदान करने वाली सुरंग के निर्माण के लिए ‘पहला विस्फोट’ किया। शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी दोहरी-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।