मंडी, 26 जुलाई (निस)
भौतिकी और पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी ने आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से घनत्व कार्यात्मक सिद्धांत डीएफटी की 60वीं वर्षगांठ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सिद्धांत और संगणना में प्रगति की मेजबानी की। स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज द्वारा आयोजित इस सम्मेलन ने क्वांटम मैकेनिकल मॉडलिंग में एक महत्वपूर्ण उपकरण डीएफटी को चिह्नित किया। घनत्व कार्यात्मक सिद्धांत ,सैद्धांतिक और कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान और भौतिकी की उन्नति में एक आधारशिला रहा है, जो परमाणुओं, अणुओं और संघनित पदार्थ की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
इस सम्मेलन ने उल्लेखनीय यात्रा, इस क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन की संयोजक प्रो. आरती कश्यप ने कहा कि यह सम्मेलन अपने दो-भागीय ढांचे के कारण अद्वितीय था। पहले भाग में घनत्व कार्यात्मक सिद्धांत की यात्रा और इसकी वर्तमान स्थिति की मौलिक, बुनियादी अवधारणाओं को शामिल किया गया। सम्मेलन में लगभग 100 छात्रों ने पोस्टर के माध्यम से अपने काम को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में पूरे भारत से विभिन्न वक्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। विभिन्न संस्थानों के छात्रों और संकाय के बीच मुक्त प्रवाह वाली चर्चाओं और बातचीत ने संभावित सहयोग को बढ़ावा दिया। इन सत्रों में दिखाया गया कि विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए सामग्रियों के गुणों को समझने के लिए इन विधियों का उपयोग कैसे किया जा रहा है, जिससे प्रतिभागियों को ष्ठस्नञ्ज की पेचीदगियों को समझने का एक अनूठा अवसर मिला। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने न केवल डीएफटी की पिछली उपलब्धियों का जश्न मनाया, बल्कि इस क्षेत्र में भविष्य के नवाचारों और अनुप्रयोगों के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा में अग्रणी के रूप में आईआईटी मंडी की स्थिति मजबूत हुई।