गुरुग्राम, 26 जुलाई (हप्र)
गुरुग्राम विश्वविद्यालय के शिक्षण संसाधन व्यक्तियों (टीआरपी) ने अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर के नेतृत्व में जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय ने वर्ष 2018 में यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार हमें शिक्षण संसाधन व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया था।
वेतनमान में गैर पीएचडी धारकों के लिए 30,000 रुपये और पीएचडी धारकों के लिए 35,000 रुपये तक ही उन्हें सीमित कर दिया गया है। उनका कार्यभार यूजीसी के मापदंडों से अधिक है। फार्मेसी विभाग में उनके नाम फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पोर्टल पर स्थायी कर्मचारियों के रूप में शामिल किए गए हैं, जोकि गलत है। वर्ष 2019 के समान काम के लिए समान वेतन के सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बावजूद उन्हें सहायक प्रोफेसर के समान मुआवजा, चिकित्सा या मातृत्व अवकाश भी नहीं दिया जा रहा। यदि कोई भी अवकाश लेते हैं तो वेतन काट लिया जाता है।
उन्होंने उपायुक्त के समक्ष मांग रखी कि उनके पदनाम टीआरपी को शिक्षण संसाधन व्यक्ति से सहायक प्रोफेसर (संविदात्मक) में बदलें। उनके कार्यभार में यूजीपी के दिशा-निर्देशों के साथ संरेखित करें। बेसिक वेतनमान के अनुसार मुआवजा दें। सभी शिक्षण संसाधन व्यक्तियों के लिए नौकरी सुनिश्चित करें। उन्हें यह आश्वासन दिया जाए कि उनके पद सुरक्षित हैं।
कांग्रेस नेता पंकज डावर ने कहा कि अपनी पूरी क्षमता से जो शिक्षक देश का भविष्य बनाने का काम कर रहे हैं, उनके हकों पर सरकार को ऐसे कुठाराघात नहीं करना चाहिए। महिलाओं को बेहतर माहौल व हक देने की बात करने वाली सरकार को इस विषय पर बिना देरी के उनके हक देने चाहिए, ताकि वे अपनी ड्यूटी और बेहतरी से कर सकें। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों में ना तो विद्यार्थियों को सुविधाएं दे पा रही है और ना ही स्टाफ को।
इस दौरान सिमरन पूनिया,पर्ल चौधरी डा. रूपसी, डा. सोमवीर, डा. मनी तनेजा, डा. चेतन जैन, डा. ममता, गरिमा, डा. गुरप्रीत कौर, प्रियंका, श्वेता, सुजाता, इशा, प्रतिभा,निशित कटारिया,प्रो सुभाष सपरा,शमीम खान,सत्यवती हुड्डा, मौजूद रहे।