नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा)
Border Security Force: सरकार ने ओडिशा से 2,000 से अधिक कर्मियों वाली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो बटालियन को भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद प्रभावित जम्मू क्षेत्र में तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि वहां सुरक्षा बढ़ाई जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर दोनों इकाइयों को नक्सल विरोधी अभियान ग्रिड से तत्काल जम्मू स्थानांतरित करने का फैसला लिया गया।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ की इन दोनों इकाइयों को जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले से अग्रिम पंक्ति पर तैनात इसकी इकाइयों के पीछे रक्षा की ‘‘दूसरी पंक्ति” के रूप में तैनात किया जाएगा, ताकि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ और अंदरूनी इलाकों में इन तत्वों द्वारा किए जाने वाले हमलों को रोका जा सके।
सूत्रों ने बताया कि इन दोनों इकाइयों के जवानों को सांबा और जम्मू-पंजाब सीमा के पास तैनात किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘हाल में दिल्ली और जम्मू में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की दो बैठकों में जम्मू में बीएसएफ की तैनाती बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया गया था।”
अधिकारी ने कहा, ‘‘नक्सल विरोधी अभियान तेज करने के लिए ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियन को छत्तीसगढ़ भेजे जाने का प्रस्ताव था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन इकाइयों को अब जम्मू भेजा जा रहा है।”
बीएसएफ भारत के पश्चिमी भाग में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी 2,289 किलोमीटर से अधिक लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है। जम्मू क्षेत्र में इस सीमा का 485 किलोमीटर हिस्सा है, जो घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के पास करीब एक दर्जन बीएसएफ बटालियन तैनात हैं।
राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिलों में इस वर्ष हुए आतंकवादी हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इन हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों और एक ग्राम रक्षा गार्ड सदस्य सहित 22 लोग मारे गए हैं।
पिछले महीने कठुआ और डोडा जिलों में दो मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए थे। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर ओडिशा के मलकानगिरी जिले से एक बीएसएफ बटालियन और कोरापुट जिले से एक बटालियन को हटाया जा रहा है।
इन दोनों इकाइयों को हटाए जाने से पहले दोनों जिलों में चार-चार बटालियन थीं, जिन्हें नक्सल विरोधी अभियान के तहत तैनात किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि हटाई गई दो बटालियन के स्थान पर नयी बटालियन की तैनाती का निर्णय बाद में लिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अगले कुछ महीनों और वर्षों में ‘‘दूसरी पंक्ति” की सुरक्षा तैनाती के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा और तब तक दो नयी इकाइयां जम्मू अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात रहेंगी।”