चंडीगढ़, 27 जुलाई (ट्रिन्यू)
पीजीआईएमईआर में शुक्रवार को निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने इमीडिएट ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (आईटीएलएस) हैंड्स-ऑन वर्कशॉप का शुभारंभ किया। इस वर्कशॉप में हितधारकों को बताया गया कि छोटी से बड़ी दुघर्टनाओं के समय घायलों को किस तरह से कुशलता के साथ अस्पताल पहुंचाया जाए, समय रहते उन्हें किस तरह से बेहतर इलाज की सुविधाएं प्रदान की जाएं। वर्कशाप में ट्रॉमा संबंधी सभी जरूरतों पर बारीकी से चर्चा की गई। इस कार्यशाला में यह भी बताया गया कि कैसे इस तरह की घटनाओं के समय अस्पताल के लोग मरीजों की मदद करें। इस दो दिवसीय कार्यशाला में अस्पताल में जांच के लिए जरूरी उपकरण क्या हों, इमरजेंसी में इलाज की विधि सहित सभी जरूरी जानकारियां दी जाएंगी।
सोसायटी ऑफ ट्रॉमा एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल सपोर्ट (एसटीएसीसी) के तत्वावधान में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का मकसद ट्रॉमा सेंटर में आए गंभीर मामलों से निपटने के लिए पुलिस वालों, डॉक्टरों और नर्सों का कौशल और तत्परता बढ़ाना है। कार्यशाला में पुलिस वालों को भी बताया गया कि दुर्घटना के समय कैसे घायल को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाएं। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर नर्स और डॉक्टरों की टीम कैसे उसका इलाज शुरू करें।
‘संकट की स्थित में संयम आयेगा काम’
मुख्य अतिथि प्रोफेसर विवेक लाल ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर में किसी भी वक्त गंभीर मामले आ जाते हैं। प्रो. लाल ने कहा कि जब अचानक किसी आपात स्थिति का सामना करना पड़े तो संयम बरतें और तेजी से निर्णय लेने वाले बनें। उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर संयमित रहने और कुशल नेतृत्व से संकट की स्थिति में मरीज की जान बचायी जा सकती है। कार्यशाला की आयोजक अध्यक्ष प्रोफेसर काजल जैन ने बताया कि आईटीएलएस कार्यशाला प्रतिभागियों को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें व्यावहारिक सत्र और सिमुलेशन शामिल हैं, जिससे वास्तविक जीवन में डॉक्टरों को काफी मदद मिलेगी।