चंडीगढ़, 27 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार प्रदेश के शहरी निकाय पार्षदों व अन्य प्रतिनिधियों का वेतन बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा की अध्यक्षता में इस संदर्भ में कमेटी का गठन किया हुआ है। कमेटी की एक बैठक शनिवार को हुई। दूसरी और अंतिम बैठक मंगलवार को चंडीगढ़ में होगी। इस बैठक में निकायों के प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी पर फैसला हो सकता है।
इससे पहले हुई बैठक में निकाय प्रतिनिधियों ने पेश होकर जहां अपनी मांग रखी वहीं संबंधित विभागीय अधिकारियों ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पिछले दिनों हिसार में हुए सम्मेलन में निकाय प्रतिनिधियों की कई मांगों को पूरा कर दिया गया था। साथ ही, मानदेय से जुड़ी मांगों को लेकर कमेटी का गठन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले साल ही निकाय प्रतिनिधियों की वेतन वृद्धि की थी।
इसी के चलते वित्त विभाग ने कहा था कि एक साल से कम अवधि में फिर से मानेदय में बढ़ोतरी करना सही नहीं है। इस विवाद के बीच सुभाष सुधा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने शनिवार को हुई बैठक में नगर निगम के पार्षदों, मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, तथा डिप्टी मेयर के अलावा नगर परिषद व नगर पालिका प्रतिनिधियों का वेतन बढ़ाने पर मंथन किया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल सरकार ने मेयर का वेतन 20,500 रुपये मासिक मानदेय को बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया है।
सीनियर डिप्टी मेयर के मानदेय 16,500 रुपये को बढ़ाकर 25,000 रुपये, डिप्टी मेयर के मानदेय 13 हजार रुपये को बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है। पार्षदों का मानदेय 10,500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 15 हजार रुपये मासिक किया जा चुका है। नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय 10 हजार 500 रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये, उपाध्यक्ष का मानदेय 7,500 रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये, पार्षदों का मानदेय 7,500 रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया जा चुका है।
नगर पालिका अध्यक्ष का मानदेय 6,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपए, उपाध्यक्ष का मानदेय 4,500 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये तथा पार्षदों का मानदेय भी 4,500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 8,000 रुपये मासिक किया गया था। इसके बावजूद निकाय प्रतिनिधियों द्वारा मानदेय को नाकाफी बताकर वृद्धि की मांग की जा रही है।
शनिवार को हुई बैठक में सभी पक्षों पर विचार किया गया। निकाय मंत्री सुभाष सुधा का कहना है कि वेतन वृद्धि के मामले में मंगलवार को दोबारा बैठक बुलाई है। बैठक में अंतिम निर्णय लेकर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान करेंगे।
इलेक्टि्रक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन लगाना हुआ आसान
हरियाणा में इलेक्टि्रक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना अब और भी आसान होगा। 200 किलोवाट तक लोड के चार्जिंग स्टेशन के लिए एचटी कनेक्शन के मामले में बिजली निगम ही उपकरणों और ट्रांसफार्मर की लागत वहन करेंगे। निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड से वह इस राशि की व्यवस्था करेंगे। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने इलेक्टि्रक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टैरिफ और अन्य विनियामक मुद्दों को लेकर नए नियम बनाए हैं। ये नियम पूरे प्रदेश में लागू होंगे। इससे चार्जिंग स्टेशन की स्थापना लागत में कमी आएगी। चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरणों के लिए सीएसआर फंड में कमी की स्थिति में लाइसेंसधारी को पिटीशन में प्रतिपूर्ति के लिए दावा करना होगा।