चरखी दादरी, 27 जुलाई (हप्र)
पहलवान विनेश फोगाट इस बार पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग में अपना जौहर दिखाएगी। पहले रियो ओलंपिक की चोट, फिर टोकियो ओलंपिक में आप्रेशन के बाद सीधे मैदान में उतरने के बाद हार की टीस उनके दिल में आज भी है। उनके ताऊ एवं द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महाबीर फोगाट को विनेश से इस बार स्वर्ण पदक की आशा है। साथ ही उनको उम्मीद है कि देश की दूसरी महिला रेसलर मेडलों की झड़ी लगा देंगी।
बता दें कि, विनेश फौगाट चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी दंगल गर्ल गीता-बबीता फोगाट की चचेरी बहन व द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महाबीर फोगाट की भतीजी है। अपने सफल कुश्ती करियर में विनेश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और तीसरी बार ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग में अपना जौहर दिखाने के लिए मैदान में उतरेंगी। पेरिस ओलंपिक में विनेश फौगाट 6 अगस्त को मैट पर उतरेंगी। इस बार देशवासियों को उनसे स्वर्ण पदक की आशा है। द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महाबीर फोगाट ने कहा कि विनेश ने मेहनत के बूते अपना वजन कम किया और इस बार 50 किलोग्राम भारवर्ग में कुश्ती में उतरेगी। उन्होेंने बताया कि विनेश की मेहनत पर उन्हें पूरा भरोसा है और विनेश को मेडल जीताने के लिए ही उसे कुश्ती के गुर सिखाए हैं। उन्होंने कहा कि टेकल कर काउंटर वाले दांव को लेकर विनेश पर विश्वास है और वह देश के लिए सोना जरूर जीतेगी।
कुश्ती में लड़कों का चयन न होने का मलाल
महाबीर फोगाट ने कहा कि विनेश के साथ दूसरी लड़कियां भी कुश्ती में मेडल की झड़ी लगा सकती हैं। उन्होंने बताया कि उनको मलाल है कि कुश्ती में इस बार लड़कों का चयन नहीं हुआ है। उन्होंने कोच व ट्रेनरों के साथ लड़कों को नसीहत दी कि कुश्ती में मेहनत करें और 2028 में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें।