फरीदाबाद, 29 जुलाई (हप्र)
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नशा संपूर्ण समाज के लिए एक बड़ी समस्या है। नशे की समाप्ति के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आकर प्रयास करना चाहिए। बंडारू दत्तात्रेय आज सेक्टर-17 स्थित मॉडर्न स्कूल में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय नशा निषेध समारोह में उपस्थित जनसमूह को मुख्य अतिथि के रूप से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री पं.मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, तिगांव विधायक राजेश नागर, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद महासचिव सुषमा गुप्ता, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद उपाध्यक्ष परिषा शर्मा सहित अन्य लोग विशेष रूप उपस्थित थे।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि इस समय पाश्चात्य संस्कृति व बदलते परिवेश की वजह से युवाओं में नशे का बढ़ता सेवन चिंता का विषय है। राज्य बाल कल्याण परिषद और हमारी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना है। इसके लिए राज्य बाल कल्याण परिषद निरंतर समाजसेवी व्यक्तियों, एनजीओएस एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही हैं। लेकिन नशा मुक्ति की इस मुहिम में हर एक व्यक्ति को एकजुट होकर लोगों को जागरूक करना होगा। दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद भारत सरकार की योजना के तहत नारनौल, रेवाड़ी और सिरसा में नशे के आदी लोगों के लिए तीन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र चला रही है। राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य शाखा सिरसा में एक आउटरीच ड्रॉप इन सेंटर और एक समुदाय आधारित पीयर लेड इंटरवेंशन चलाकर समाज कल्याण में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर एसडीएम फरीदाबाद शिखा अंतिल, शिक्षाविद डॉ एमपी सिंहएस्कूल डायरेक्टर सुशील जैन, प्रिंसिपल नीलिमा जैन एवं आरती सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तिगण मौजूद थे।
‘जागरूकता के लिये चलाई योजनाएं’
हरियाणा सरकार भी नशे के खिलाफ अनेकों योजनाएं चला रही है। सरकार ने मादक पदार्थों की लत के दुष्परिणामों और इसके बढ़ते प्रसार को संज्ञान में लिया है। इसलिए युवाओं और किशोरों को नशे से बचाने के लिए एक राज्य कार्य योजना शुरू की गई। इस योजना के तीन पहलू हैं। जन जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति व पुनर्वास और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए प्रदेश में 52 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी नशा मुक्ति वार्ड स्थापित किए गए हैं। तेरह जिलों के सिविल अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए हैं। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए ग्राम व वार्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मिशन टीमों का गठन किया गया है। नशा पीडि़तों की मदद करने और अपने क्षेत्र में ड्रग पैडलिंग की गतिविधियों के बारे में जनता से जानकारी एकत्र करने के लिए टोल फ्री एंटी ड्रग हेल्पलाइन नंबर 9050891508 पहले ही शुरू किया जा चुका है। एक मोबाइल एप साथी तैयार किया गया है।