शिमला, 29 जुलाई (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के अधिकारियों को निगम के डिपो में रखी गई इमारती लकड़ी की निस्तारण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि इसे गलने से बचाया जा सके। उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम के प्रथम चरण की मंजूरी के उपरांत रेखागत परियोजनाओं के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन मंडल अधिकारियों सहित निगम के अधिकारियों को शक्तियां सौंपने की संभावनाएं तलाशने को कहा ताकि इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न हो।
वन निगम के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य वन विकास निगम पहली बार एफसीए मंजूरी के उपरांत ब्यास नदी से खनन गतिविधियां शुरू करेगा। उन्होंने निगम को दोषी ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू करने तथा भविष्य में निविदाओं में उनके भाग लेने पर रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन निगम में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए 100 वन वीरों को नियुक्त किया जाएगा।
निदेशक मंडल ने 2022-23 के लिए निगम के कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की, जिससे 227 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बैठक में निगम के दैनिक भोगियों की दिहाड़ी 400 रुपये करने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, निगम के सभी कर्मचारियों को 1 अप्रैल से चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की एक और किस्त जारी करने तथा दो वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले 80 कर्मचारियों को नियमित करने का भी निर्णय लिया गया। इस मौके पर वन निगम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को 51 लाख रुपये का चेक भेंट किया। वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।