चंडीगढ़, 29 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सरकारी व एडिड कॉलेजों व यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को भी स्कूली शिक्षकों की तर्ज पर उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा विभाग ने पुरस्कार नीति में बड़ा संशोधन किया है। पहले पंद्रह वर्षों की सर्विस का मूल्यांकन होता था, लेकिन अब दस वर्षों की सेवा का मूल्यांकन कर सम्मान दिया जाएगा। प्रदेश स्तर के कुल चौदह पुरस्कार होंगे। विजेताओं को एक लाख रुपये नकद और प्रशस्ति-पत्र से नवाजा जाएगा।
सीएम नायब सिंह सैनी ने उच्चतर शिक्षा विभाग की संशोधन नीति को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से नये शिक्षकों को भी पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
दरअसल, विभाग ने विभिन्न सरकारी व एडिड यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की शैक्षणिक, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर असाइनमेंट के प्रति उनके योगदान के लिए उत्कृष्ट और सराहनीय सेवाओं के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार की योजना शुरू की है। पुरस्कारों का उद्देश्य शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संकाय सदस्यों को सम्मानित करना है।
योजना के तहत उच्च शिक्षा के वे संकाय जो असाधारण शैक्षणिक दक्षता, शिक्षण की गुणवत्ता और पेशेवर क्षमता, अच्छे आचरण और टीम भावना, स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ाव, नवीन शिक्षण विधियों का उपयोग करते हैं, उन्हें पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया जाएगा। हर साल कुल 14 राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसमें उच्चतर शिक्षा के दायरे में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों को 2 पुरस्कार, सरकारी कॉलेजों को 8 पुरस्कार और हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों को 4 पुरस्कार शामिल होंगे। राज्य विश्वविद्यालय के तहत विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य विज्ञान, वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय को 1, मानविकी, सामाजिक विज्ञान संकाय को 1 पुरस्कार दिया जाएगा। सरकारी कॉलेज के विज्ञान संकाय को 2, भाषा, मानविकी, सामाजिक विज्ञान संकाय को 4 तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय को 2 पुरस्कार दिए जाएंगे। सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेज को विज्ञान संकाय में 1, भाषा, मानविकी, सामाजिक विज्ञान संकाय में 2 और वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय में 1 पुरस्कार दिया जाएगा।
गौरखनाथ के नाम पर होगा हिसार का कॉलेज
हरियाणा सरकार ने हिसार के राजकीय महाविद्यालय नाम गुरु गौरखनाथ के नाम पर रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिले से आई रिपोर्ट के आधार पर उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इसके लिए घोषणा की थी। पहले कॉलेज का नाम गुरु गौरक्षकनाथ के नाम पर रखा था। अब इसे संशोधित करके गुरु गौरखनाथ के नाम पर रखा जाएगा।