तिरुवनंतपुरम, 30 जुलाई (भाषा)
Wayanad landslide: केरल के वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के मद्देनजर राज्य सरकार ने बचाव कार्यों के लिए भारतीय सेना की सहायता मांगी है। एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है।
इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे। राज्य सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कई दल, दो हेलीकॉप्टर और अन्य बचाव दल वायनाड में भूस्खलन के कारण पूरी तरह से कट गए मुंडक्कई के लिए रवाना हुए हैं।
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राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम मलबा हटाने के काम में जुटी है। राजन ने बताया कि कोल्लम, अरक्कोणम और बेंगलुरु से एनडीआरएफ की तीन और टीम भी वहां पहुंच रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुंडक्कई पास के पहाड़ की तलहटी में है। समस्या यह है कि पुल के नष्ट हो जाने के कारण यह इलाका पूरी तरह से कट गया है। अब बचाव दल के वहां तक जाने के लिए एक अस्थायी पुल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि भूस्खलन के कारण कितना नुकसान हुआ है। राजन ने कहा, ‘‘मुंडक्कई की ओर जा रही एनडीआरएफ की एक टीम रास्ता साफ करते हुए आगे बढ़ रही है। दोपहर तक तीन और टीम पहुंच जाएंगी। सेना के दो हेलीकॉप्टर भी जल्द ही पहुंच जाएंगे।”
उन्होंने बताया कि चलियार नदी से शव बरामद किए गए हैं। राजन ने कहा, ‘‘करीब 70 लोगों को कोझिकोड के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों में कम से कम 12 शव हैं।” मंत्रियों राजन, पी ए मोहम्मद रियास और ओ केलू के जल्द ही वायनाड पहुंचने की संभावना है।
मंत्री ए के शशिंद्रन पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और घायलों से मिलने जा रहे हैं। राज्य के एक अन्य मंत्री रामचंद्रन कडन्नापल्ली भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने कई कॉल सेंटर और नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की और राज्य की राजधानी में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित और संपर्क से कटे हुए इलाकों में से हैं।
वायनाड की जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत कार्य जारी है और एनडीआरएफ, अग्निशमन बल, पुलिस और वन, राजस्व एवं स्थानीय स्वशासन विभागों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसी के साथ-साथ स्वयंसेवक और स्थानीय निवासी बचाव अभियान में सहयोग कर रहे हैं। जिला अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण कई परिवारों को विभिन्न शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घरों में स्थानांतरित किया गया है।