शिखर चंद जैन
भागदौड़ ,मानसिक दबाव, चिंता, अनिश्चितता और तनाव के दौर में हमें कई बार उदासी बुरी तरह से घेर लेती है। कई बार किसी असफलता या विवाद की वजह से ऐसा हो जाता है और कभी-कभी तो हमें पता भी नहीं होता कि हमारी एंजायटी की वजह क्या है। बस एक ही बात जुबां पर आती है- ‘कुछ अच्छा नहीं लग रहा …मन ठीक नहीं है’। अगर आप भी ऐसा ही महसूस कर रही हैं तो आजमा कर देखिए कुछ हल्के-फुल्के, आसान से उपाय जो आपको सुकून दे सकते हैं।
बनाएं एक प्रेरक नोटबुक
आपको एक ऐसी डायरी या स्पाइरल बाइंडिंग वाली नोटबुक बनानी चाहिए जिसमें आप खास फोटोज चिपकाएं और सुबह या शाम अखबारों ,व्हाट्सएप ,फेसबुक या पत्रिकाओं से दिल छूने वाली शायरी और प्रेरक कथन नोट करती हों। जब भी मन खराब हो ऐसी डायरी को खोलकर पढ़ें और देखें। निराशा के पलों में जब आप थॉमस अल्वा एडिसन जैसे विद्वानों के ऐसे कोट पढ़ेंगी जैसे- ‘मैं असफल नहीं हुआ, मैंने 10,000 ऐसे तरीके सीखे जो काम नहीं करते’ तो आप एक नई ऊर्जा और प्रेरणा से सराबोर हो जाएंगी।
पज़ल सॉल्व करें
जब भी आपको कोई उलझन सता रही हो और सुलझाए नहीं सुलझ रही हो, तो आप एक नई उलझन को सुलझाने में जुट जाएं। यह होगी कोई वर्ग पहेली ,सुडोकू या रूबिक क्यूब जैसी मजेदार चीज। जब आप उसमें तल्लीन हो जाएंगी तो अपनी वास्तविक टेंशन को भूल जाएंगी और थोड़ी देर में ही आपका मूड फ्रेश हो जाएगा।
कहीं वॉलिंटियरिंग करें
इन दिनों आपका मन बेचैन हो रहा हो तो किसी धार्मिक कार्यक्रम या सत्संग में ,किसी साहित्यिक सम्मेलन में या किसी सामाजिक सेमिनार में सम्मिलित होने के लिए पहुंच जाएं। वहां आप चाहें तो श्रोता के रूप में बैठकर वक्ताओं की बातें सुनें। वहां आपको लोगों के साथ अपनी फीलिंग्स शेयर करने का मौका भी मिल सकता है। आप चाहें तो इसमें वॉलिंटियरिंग का जिम्मा लेकर ज्यादा इन्वॉल्व हो सकती हैं।
टहलने निकल जाएं
अपनी चिंता और चिंतन की धारा को नकारात्मकता से मोड़कर न्यूट्रल गियर में लाने या फिर सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए यह एक अच्छा तरीका है कि आप अपनी जगह और स्थिति को बदल लें और किसी व्यस्त और पसंदीदा बाजार की तरफ निकल पड़ें। वहां विंडो शॉपिंग करें, किसी स्टॉल पर गरमा गरम चाय पिएं, लोगों के साथ गपशप करें या उनकी बातें सुनें। आप चाहें तो किसी पसंदीदा स्ट्रीट फूड का आनंद ले सकती हैं या फिर किसी उद्यान में अथवा नदी किनारे जा पहुंचें और प्रकृति के निश्छल स्वरूप को निहारें।
रूटीन को बदल डालें
कई बार हमें पता भी नहीं चलता मगर बेचैनी और मन शांत रहने की मूल वजह होती है जीवन में एकरसता और बोरियत। इससे उबरने के लिए अपने रूटीन में कुछ छोटे-बड़े परिवर्तन करें। सुबह जरा जल्दी जागें ,वॉकिंग-जोगिंग करने निकलें या कम से कम पार्क में लोगों को ऐसा करते हुए देखें। नहा-धोकर तरोताजा होकर किसी मंदिर में जाएं, ईश वंदना करें ,वर्कप्लेस पर जाने का रास्ता बदलें। हर रोज किसी एक मित्र से थोड़ी देर गपशप करें या फिर दो-तीन दिन की छुट्टी लेकर कहीं घूम आएं।
डीक्लटर करें
हमारे बेडरूम या डाइनिंग रूम में कबाड़ ,अतिरिक्त सामान और बेवजह के तारों के जंजाल ,गंदगी आदि से भी मन अशांत होता है। वर्क प्लेस पर ड्राअर या टेबल पर फालतू की चीजों की मौजूदगी, फाइलों के ढेर और गर्द की परत आदि का नकारात्मक असर होता है। फेंग शुई में भी इससे सकारात्मक ऊर्जा में अवरोध होने की बात कही गई है। इसलिए उनकी नियमित साफ-सफाई करें आपको वाकई बहुत अच्छा लगेगा ।
ये उपाय भी हैं असरकारक
प्रेरक टेड टॉक या यूट्यूब पर मनोरंजन और प्रेरक रील देखें। किसी महापुरुष ,उद्योगपति या वैज्ञानिक की आत्मकथा या जीवनी पढ़ें। किसी को कोई ऐसी चीज सिखाएं जो आपको खुद बेहद पसंद हो। योग और मेडिटेशन का सहारा लें। प्राकृतिक दृश्य ,वन्य जीवन ,पशु-पक्षियों व सामाजिक कार्यक्रमों की तस्वीर लें और उन्हें मनचाहे तरीके से एडिट करके संदेशपरक रील्स बनाएं। पूरी तरह रिलैक्स करने के लिए पूरे दिन की छुट्टी लें और मजे से सोएं। स्पा का आनंद लें या फिर स्टीम बाथ ले सकते हैं।