अम्बाला शहर, 30 जुलाई (हप्र)
पूर्व विधायक जसबीर मलौर ने कहा कि उत्तरी हरियाणा में औसत से कई गुणा कम वर्षा हुई है। हजारों एकड़ भूमि में किसान धान व अन्य फसलें नहीं लगा पाये। सरकार बिना किसी देरी के उत्तरी हरियाणा को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करके किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा उपलब्ध करवाए। वे आज कांग्रेस पार्टी के हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम के तहत विभिन्न गांवों में किसानों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महंगे बीज और खाद के कारण किसानों की प्रति एकड़ कृषि लागत निरंतर बढ़ रही है। सरकार किसानों की एमएसपी की गारंटी की मांग मानकर फसलों का उचित मूल्य देने की बजाए उन्हें पिछले 3 वर्षों से प्रताड़ित कर रही है। मलौर ने कहा कि आज महंगे खाद की वजह से किसानों की फसल की लागत बढ़ गई है, बिजली के बिल महंगे हो गए है, लागत के अनुसार फसल का दाम नहीं मिलता। जलस्तर कम होने की वजह से सिंचाई के पानी की दिक्कत किसानों को आ रही है। ऐसे में बरसात ना होने की वजह से किसान धान की रोपाई करने से वंचित हैं। सरकार आगे आकर किसानों की मदद करे और उत्तरी हरियाणा को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को मुआवजा दे।
मलौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम जन जन की आवाज बन चुका है
और प्रदेश में हर कौने से जनता भाजपा सरकार से 10 साल का हिसाब मांग रही है।