नयी दिल्ली, 31 जुलाई (एजेंसी)
वायनाड में प्राकृतिक आपदा पर लोकसभा में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केरल में भारी बारिश की चेतावनी राज्य सरकार को एक सप्ताह पहले ही दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने 23 जुलाई को एनडीआरएफ की आठ टीमों को केरल सरकार की सहायता के लिए भेजा था। इसीलिए तुरंत राहत अभियान शुरू हो पाया। शाह ने कहा कि करीब छह साल पहले आईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को दूसरी जगह बसाने का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
शाह ने कहा कि यह समय वायनाड की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है। उन्होंने सदन में यह भी कहा कि वह आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक लाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक ‘समय-पूर्व चेतावनी प्रणाली’ मौजूद है। इस प्रणाली पर कुल 2300 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। गृह मंत्री ने कहा कि तकनीक विकसित करना और उसमें सुधार लाना केंद्र सरकार का काम है, लेकिन सहकारी संघवाद के तहत लोगों को हटाने का काम तो राज्य सरकार का है।
विजयन ने दावा किया खारिज, आईएमडी पर लगाई तोहमत
तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शाह के दावे को खारिज कर दिया। विजयन ने कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जिले के लिए केवल ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था। हालांकि, जिले में 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो आईएमडी द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान से बहुत अधिक थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दोषारोपण का समय नहीं है और वह शाह की टिप्पणियों को प्रतिकूल रूप से नहीं ले रहे हैं।
मृतक संख्या 167 हुई 200 से अधिक घायल
वायनाड : केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव दल ने तलाशी अभियान के दूसरे दिन मलबे में फंसे लोगों को खोजने के प्रयास तेज कर दिए हैं। वायनाड जिला प्रशासन ने आपदा में 167 लोगों की मौत होने की पुष्टि की। इनमें 22 बच्चे शामिल हैं। इस बीच रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, क्षेत्र में तैनात सेना की टुकड़ियों ने मंगलवार रात तक प्रभावित क्षेत्रों से लगभग एक हजार लोगों को बचाया। वायुसेना भी समन्वय के लिए हवाई सर्वेक्षण कर रही है।