शिमला, 31 जुलाई (हप्र)
रोप वे की दुनिया में हिमाचल ने अपने कदम तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिए है। शिमला में 1734.40 करोड़ की लागत से 13.79 किलोमीटर दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रज्जू मार्ग बनने जा रहा है। यही नहीं देश के अन्य राज्यों के लिए हिमाचल प्रदेश मार्गदर्शक के तौर पर आने वाले समय में भूमिका निभाएगा।
यह बात उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला में रज्जू मार्ग द्वारा नवीन शहरी परिवहन पर सिंपोजियम में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कई निवेशक रज्जू मार्ग के निर्माण कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी और रोहतांग में प्रस्तातिव रज्जू मार्ग का निर्माण कार्य भी हिमाचली ही कर रहा है। हमारे लिए गर्व की बात है कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के रज्जू मार्ग तैयार करने में हिमाचली अहम भूमिका निभा रहे है। हिमाचल प्रदेश स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया की तरह रज्जू मार्गों का जाल प्रदेश में बिछाएगा। उन्होंने कहा कि यूरोप के देशों में 25000 के करीब रज्जू मार्ग प्रोजेक्ट है जबकि भारत में 20 के करीब ही अभी तक रज्जू मार्ग बन पाए हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश में रज्जू मार्ग की संख्या में इजाफा हो रहा है। बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोप वे बनाने को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई है। बगलामुखी मंदिर में रज्जू मार्ग बन कर तैयार हो चुका है। इसका भी जल्द उद्घाटन होगा जोकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला में भारत और एशिया का पहला 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 13.79 किलोमीटर लंबा रज्जू मार्ग बनेगा।