बीबीएन, 31 जुलाई (निस)
झाड़माजरी के शिवालिक नगर स्थित शिव मंदिर में चल रही शिव महापुराण की कथा में बुधवार को कथावाचक पंडित अशोक शर्मा ने त्रिपुरासुर की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि कथा का तत्व यही है कि हमारे तीनों कर्म कर्मणा, वाचा, मनसा ये शुद्ध होने चाहिए, जिससे हम इन्हें भगवान को अर्पण कर सकें। अशुद्ध कर्मों को भगवान स्वीकार नहीं करते। पंडित ने कहा कि जो लोग वेद पुराणों की निंदा करते हैं, वे कलयुग के दैत्य हैं। जिसने वेदों को नहीं पढ़ा वे किसी की वेदना भी नहीं पढ़ सकते। पुराणों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सभी प्राणियों पर दया करें, प्रेम से रहें। बुधवार को श्रोताओं के विशेष अनुरोध पर कथा के दौरान राधा कृष्ण जी की झांकी भी निकाली गई। इस अवसर पर शिवालिक सोसाइटी के अध्यक्ष अच्छर पाल कौशल, आशा राजपूत, सुनीता नेगी, किरण शर्मा, कालिंदी दीक्षित, अनु, सोनू, ऋतु, पूजा, शिवानी, शशि, नूतन, मीना, रिशु, श्वेता, सुशील, संतोष, निर्मला, उषा कतना, सुनीता, रेणु ,मीना गुप्ता, प्रियंका, रचना, सरला, परवीन, अनु गुप्ता अरुणा, टी पी एस नेगी, सूर्यकांत शर्मा, संजीव, नवल किशोर शर्मा, अभिषेक ठाकुर नीरज ठाकुर, समस्त शिवालिक के परिवार व सेवक गणमान्य ग्रामीण मौजूद रहे।