चंडीगढ़, 1 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा की नायब सरकार अब बीसी-बी (पिछड़ा वर्ग) में शामिल जातियों को भी पंचायती राज संस्थाओं – जिला परिषद, ब्लाक समिति व ग्राम पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका) में आरक्षण देगी। बीसी-बी की जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण मिल सकता है। इससे पहले सरकार पिछड़ा वर्ग-ए की जातियों को पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों में आठ प्रतिशत आरक्षण दे चुकी है।
पिछले दिनों महेंद्रगढ़ के पाली में आयोजित पिछड़ा वर्ग अभिनंदन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरक्षण देने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर उन्हें अनुपूरक रिपोर्ट सौंपी। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बीसी-बी की जातियों को आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। इस मौके पर सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ा वर्ग के अधिकार सुरक्षित किए हैं। शैक्षणिक संस्थानों, एमबीबीएस सहित केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों में दाखिले में आरक्षण का प्रावधान भी पिछड़ा वर्ग के लिए किया है।
इतना ही नहीं, क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की है। हरियाणा में भी हमारी डबल इंजन की सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनके अधिकार दे रही है। हरियाणा पिछड़ा आयोग के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) दर्शन सिंह द्वारा दी गई रिपोर्ट पर सीएम ने कहा कि सरकार निकायों व पंचायतों में बीसी-ए को पहले ही आरक्षण दे चुकी है। अब बीसी-बी की जातियों को आरक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेता कहते हैं कि सरकार पिछड़ा वर्ग-बी का हक मार रही है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने कभी पिछड़ा वर्ग आयोग पर गंभीरता से काम नहीं किया। कांग्रेस ने पिछड़ा आयोग पर गठित काका कालेलकर आयोग का विरोध किया था। स्व़ राजीव गांधी ने तो मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी विरोध किया था।
इस मौके पर सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ़ अमित अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्याम लाल जांगड़ा और सदस्य सचिव विवेक पदम सिंह भी उपस्थित थे।